पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में गहलोत सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल (Gehlot government One Year Term) पूरा होने पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर कांग्रेस सरकार के एक साल के कार्यकाल के खिलाफ एक चार्जशीट जारी की. इस चार्जशीट में सरकार की 52 सप्ताह की वादा खिलाफी की 52 विफलताओं का आरोप लगाया है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का एक साल (Gehlot government One Year Term) मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के मध्य प्रतिस्पर्धा में बीत गया. परिणामस्वरूप सरकार के एक साल के जश्न के कार्यक्रमों के दौरान उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट नदारद रहे. मुख्यमंत्री गहलोत ने स्वयं ही स्वीकार किया कि हमने 503 में से 119 वादे ही पूरे किये हैं, यानि मात्र 25 प्रतिशत काम ही वो कर पाये हैं, जो कि किसी भी सरकार की विफलता को बताने के लिए काफी है.
पूनियां ने चार्ज शीट के बारे में बताते हुए कहा कि गहलोत सरकार साल भर पहले (Gehlot government One Year Term) किसानों से कर्जमाफी का वादा कर सत्ता में आयी थी. लेकिन ना तो किसानों का कर्जा माफ हुआ और ना हीं उन्हें किसी प्रकार की मदद सरकार ने दी. 59 लाख किसानों का दस दिन में 99 हजार 995 करोड़ का ऋण माफ करने का वादा करने वाली सरकार ने अब तक मात्र 18 लाख किसानों का पांच हजार 600 करोड़ रुपए का ही ऋण माफ किया है. इसी तरह राज्य में पहली बार लगभग 22 लाख किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ से वंचित होना पड़ा है. एक लाख कृषि कनेक्शन का वादा करने के बावजूद अब तक मात्र 18 हजार कृषि कनेक्शन ही जारी किए गए हैं. गत वर्ष एक दिसम्बर से गत एक दिसम्बर तक एक साल में कुल एक लाख 76 हजार प्रकरणों में 33 प्रतिशत से अधिक मामले लंबित रहना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है.
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पूनियां ने आगे कहा कि गहलोत सरकार एक साल (Gehlot government One Year Term) का जश्न मना रही है, लेकिन उसे अपनी नाकामी और असफलताओं के लिए आत्मचिंतन करना चाहिए. मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के कार्यों को 10 में से 10 नम्बर दे रहे है. जबकि मुख्यमंत्री गहलोत स्वयं ही प्रदेश के मुखिया के तौर पर असफल साबित हुए है. मुख्यमंत्री खुद अपने महत्वपूर्ण गृह व वित्त विभाग में ही विफल रहे है. राजस्थान आज देश के सबसे अधिक अपराधग्रस्त राज्यों में शीर्ष की ओर अग्रसर है. मुख्यमंत्री अपने विभाग में ही पूर्ण रूप से फेल हो चुके है उसके बावजूद वे स्वयं ही विद्यार्थी और शिक्षक दोनों बनकर अपने मंत्रियों को नम्बर दे रहे है.
इसके साथ ही पूनियां ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपने एक साल (Gehlot government One Year Term) का जश्न किसान सम्मेलन करके मना रही है. जबकि सरकार ने इस पूरे एक साल में किसानों को वादा करके सिर्फ धोखा ही दिया है. भाजपा सरकार के समय किसानों को 10 लाख रूपये तक का बीमा किया जाता था. लेकिन आज 25 लाख किसानों का बीमा कवर नहीं है. कोई भी कम्पनी बीमा करने को तैयार नहीं है.
पूनियां ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने केवल भाजपा सरकार की योजनाओं का नाम बदलने का कार्य किया है और कुछ को बंद कर दिया. सरकार का वित्तिय प्रबंधन पूर्ण रूप से कुप्रबंधन है. मोदी सरकार की अनेकों लाभकारी योजनाओं को गहलोत सरकार जान-बूझकर प्रदेश में लागू नहीं कर रही है. जिसके कारण प्रदेशवासियों को उन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. प्रदेश में स्टेट हाईवे पर टोल लगाकर, बिजली की दरों में फ्यूल चार्ज बढ़ाकर, पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त सेस लगाकर सरकार ने जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ लाद दिया है.
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सतीश पूनियां ने कहा कि गहलोत सरकार के मौजूदा शासन में अपराध इतना बढ़ चुका है कि पुलिस हिरासत में अपराधी बंदूक की नोक पर अपने साथियों को छुड़ाकर ले जाते है और कई माह बीत जाने के बाद भी पुलिस कुछ नहीं कर पाती है. (Gehlot government One Year Term) पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत जनता, मीडिया और विपक्ष की अभिव्यक्ति की आजादी छीन रही है. ये वो ही मुख्यमंत्री है जो अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते है, लेकिन आज उसी का गला घोंटने में लगे है. वे धमकी देते है कि जो सरकार का प्रचार-प्रसार करेगा, उसे ही विज्ञापन मिलेगा.