Sharad Pawar big Statement: NCP के इलेक्शन सिंबल पर अधिकार पर सुनवाई से पहले शरद पवार ने बीजेपी पर तंज कसा है. एनसीपी के प्रमुख रहे शरद पवार ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी को नेताओं की धुलाई के लिए अपना सिंबल कमल के फूल की जगह वॉशिंग मशीन रख लेना चाहिए. इलेक्शन कमीशन आज एनसीपी के सिंबल पर सुनवाई करने वाला है. इसके लिए इलेक्शन कमीशन ने शरद और अजित दोनों गुटों को पर्सनल सुनवाई के लिए बुलाया है. ये दोनों ही गुट पार्टी पर अपना दावा कर रहे हैं. बीजेपी और सीएम एकनाथ शिंदे से हाथ मिलाने के बाद से शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पार्टी सिंबल पर अपना दावा ठोका है.
सिंबल बदलने से लोग नहीं बदलते हैं..
नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में NCP (शरद गुट) की वर्किंग कमेटी की मीटिंग में शरद पवार ने कहा कि NCP का चुनाव चिन्ह बदलने की कोशिश हो सकती है. अगर पार्टी का चुनाव चिन्ह चला भी जाए तो कार्यकर्ताओं को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. मैंने अलग-अलग चुनाव चिन्हों पर चुनाव लड़े और जीते हैं. सिंबल बदलने से लोग नहीं बदलते हैं. उन्हें पता होता है कि कौन सा बटन दबाना है.
गौरतलब है कि अजित पावर 2 जुलाई को NCP के आठ विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे. इसी दिन शिंदे सरकार में अजित ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी. इसके बाद उन्होंने पार्टी और पार्टी के सिंबल पर अधिकार जता दिया, जिसकी सुनवाई इलेक्शन कमीशन कर रहा है.
बीजेपी को अपना इलेक्शन सिंबल बदलना चाहिए
पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि भाजपा को अपना इलेक्शन सिंबल बदल लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि मीडिया ने लोगों से पूछा कि भाजपा को नया चुनाव चिन्ह क्या रखना चाहिए. इस पर लोगों ने कहा कि कमल के फूल की जगह वॉशिंग मशीन को चुनाव चिन्ह बनाना चाहिए. नेताओं की धुलाई के लिए.
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शरद पवार ने बीजेपी के साथ साथ पीएम नरेंद्र मोदी पर भी जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि मैंने कई प्रधानमंत्रियों को देखा है. कॉलेज के समय जवाहरलाल नेहरू को देखा. बाद में इंदिरा गांधी, नरसिम्हा राव और एचडी देवगौड़ा को देखा. आज के पीएम और पहले के पीएम में फर्क है. नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो सरकारी कार्यक्रमों में राजनीतिक बातें करते हैं.
शरद पवार ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री विकास प्रोजेक्ट के उद्घाटन के लिए जाते थे तो वहां कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करते थे. आर्मी का कोई कार्यक्रम होता था तो प्रधानमंत्री वहां पर देश की रक्षा की बात करते थे. विपक्ष को गालियां नहीं देते थे. वे भूल जाते हैं कि वे प्रधानमंत्री हैं और प्रशासन के प्रमुख हैं. आज नरेंद्र मोदी रेलवे लाइन का उद्घाटन करने जयपुर जाते हैं. वहां उनकी रेलगाड़ी विपक्ष की ओर निकल जाती है.