Politalks.News/Bihar. अकसर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) अब चौतरफा घिरते हुए नजर आ रहे हैं. जीतन राम मांझी ने एक नहीं दो नहीं ना जाने कितनी ही बार भगवान राम (Lord Ram) के अस्तित्व पर सवाल उठाये हैं. भगवान श्रीराम को नहीं मानने वाले बयान पर अब मांझी बीजेपी (BJP) नेताओं के निशाने पर आ गए हैं. यहां तक की बीजेपी नेताओं ने हम प्रमुख मांझी को मुस्लिम धर्म अपनाने की सलाह भी दी है. प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी (Mithilesh tiwari) , प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा (Manoj Sharma), राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर (Vivek Thakur) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. तो वहीं दरभंगा (Darbhanga) से बीजेपी सांसद जी ने मांझी को धमकी तक दे डाली.
हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने दो महीने में लगातार तीसरी बार शनिवार को पटना में भुइयां समाज के कार्यक्रम में भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है. मांझी ने कहा कि, ‘राम को हम नहीं मानते हैं, क्योंकि वो आदमी नहीं था. राम सिर्फ काल्पनिक है और वो खुद को पूजवा रहा है हमसे. हम लोग मूर्ति पूजते हैं, पीढ़ी पूजते हैं और यही आस्था है. ऐसे में उसी को भगवान माना जाए. उसी प्रकार से राम कोई भगवान नहीं है. वो उसके नाम पर…ठीक है रामायण लिखी गई है. रामायण में बहुत सी ऐसी उक्तियां हैं, जो पढ़ने योग्य है. समझने योग्य है, लेकिन राम भगवान थे, ये मानने को हम तैयार नहीं थे.’
मांझी के इस बयान के सामने आने के बाद दरभंगा से बीजेपी सांसद गोपाल जी ठाकुर ने मांझी को चेतावनी दे डाली. बीजेपी सांसद ने कहा कि ‘बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का बयान निंदनीय है. वो सुर्खियों में रहने के लिए जो मन में आता है, वो बोलते हैं. उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए’. भाजपा सांसद ने मांझी को धमकी भरे लहजे में कहा कि, ‘जीतन राम मांझी यदि भविष्य में कभी इस तरह का बयान देते हैं, तो आगे क्या होगा, वो भी उन्हें समझ लेनी चाहिए.’
अब मांझी के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. BJP प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने निशाना साधते हुए कहा कि, ‘भगवान राम एक संस्कार है, राम एक संस्कृति है, राम एक प्रेरणा है, राम मर्यादा पुरुषोत्तम है. जिन लोगों को राम के अस्तित्व पर संदेह है, वो पहले अपने नाम से राम का परित्याग कर दें.’ शर्मा ने आगे कहा कि, ‘मांझी अगर रामायण पढ़े होते तो उनको पता चलता कि श्रीराम जी के अभिन्न मित्रों में से दलित समुदाय के केवट थे. श्रीराम ने दलित समुदाय की शबरी के हाथों से उसके झूठे बैर खाए थे और श्रीराम जी ने अपने मर्यादा और अपने पुरुषार्थ के साथ साथ अपनी जनता के लिए उन्होंने धोबी समाज के कहने पर अपनी पत्नी तक का परित्याग कर दिया था. ऐसे जीतन राम मांझी आज अपने अस्तित्व को खतरे में देख ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं’.
वहीं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा कि, ‘जीतन राम मांझी को यह हक नहीं है कि वह किसी भी समाज को गाली दें. पूजा करना ना करना उनका व्यक्तिगत मामला है, लेकिन मुसहर समाज को, भुइयां समाज को वह गाली देंगे यह बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मांझी सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगेंगे तो उनके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. इसके अलावा उनके खिलाफ कानून की शरण में भी हम लोग जाएंगे. अगर मांझी मुस्लिम धर्म अपनाना चाहते हैं तो बेशक चले जाएं.’
तो BJP से राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने कहा कि, ‘मांझी ओछी लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. जो व्यक्ति बिहार का मुख्यमंत्री रह चुका है, वह इस तरह की बात करता है, शोभा नहीं देती है. जीतन राम मांझी यदि नास्तिक थे, नास्तिक हैं तो फिर वह मुख्यमंत्री रहते हुए पूजा पंडालों और आरती में क्यों जाते थे?’ आपको बता दें इससे पहले भी कई बार मांझी भगवान राम के अस्तित्व को नकार चुके हैं. इसी साल 21 सितम्बर और 20 अक्टूबर को मांझी ने भगवान राम के अस्तित्व पर उठाये थे सवाल.