लोकसभा में 7 बार के सांसद और सदन के अति वरिष्ठ सदस्य रमेश जिगाजिनागी का मोदी 3.0 सरकार में मंत्री न बनाए जाने पर गुस्सा फूटा है. अपना एक निजी इंटरव्यू में अपने अंदर का गुबार निकालते हुए भारतीय जनता पार्टी को दलित और वंचित विरोधी बताया है. बीजेपी सांसद रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी ने मोर्चा खोलते हुए अपनी ही पार्टी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में वंचितों को दरकिनार कर दिया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी में ज्यादातर केंद्रीय मंत्री ऊंची जातियों से ताल्लुक रखते हैं जबकि वंचितों को दरकिनार कर दिया गया है.
बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
लोकसभा चुनाव 2024 में कर्नाटक की विजयपुरा संसदीय सीट से जीत हासिल करने वाले जिगाजिनागी को केंद्रीय मंत्री परिषद में मंत्री नहीं बनाए जाने का काफी दुख है. उन्होंने कहा कि कई लोगों ने मुझे बीजेपी में ना जाने की सलाह दी थी, क्योंकि यह (पार्टी) ‘दलित विरोधी’ है. बीजेपी सांसद ने कहा कि मेरे जैसा वंचित नेता लगातार सात चुनाव लगातार जीतने वाला दक्षिण भारत का पहले व्यक्ति है. सभी उच्च जाति के लोग कैबिनेट पदों पर हैं. इससे मुझे बहुत दुख हुआ है.
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विजयपुरा से बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि लोगों का समर्थन मेरे लिए जरूरी है, लेकिन जब मैं वापस आया (चुनाव के बाद) तो लोगों ने मुझे बहुत डांट लगाई. कई दलितों ने मुझसे इस बात पर बहस की कि बीजेपी दलित विरोधी है और मुझे पार्टी में शामिल होने से पहले यह बात जान लेनी चाहिए थी.
पिछले सात बार से सांसद हैं जिगाजिनागी
रमेश जिगाजिनागी ने पहली बार साल 1998 में लोकसभा चुनाव जीता था. तब से लेकर अब तक वो लोकसभा चुनाव में अपराजय रहे हैं. इस बार उन्होंने विजयपुरा संसदीय सीट से जीत हासिल की है. इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कर्नाटक की 28 सीटों में 17 सीटों पर बाजी मारी थी. यह भी बताते चले कि मोदी सरकार 3.0 में 29 ओबीसी, 28 जनरल, 10 एससी, 5 एसटी और सात महिलाओं को मंत्री बनाया गया है. कर्नाटक राज्य से जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी को भारी उद्योग और इस्पात मंत्री बनाया गया है. राज्यसभा में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाली निर्मला सीतारमण को दूसरी बार वित्तमंत्री बनाया गया है.