Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की सियासत में विधायकों के खरीद फरोख्त के आॅडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर बहुत तेज हो गया है. शुक्रवार सुबह कथित वायरल आॅडियो को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाल ने भाजपा पर निशाना साधा वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के इस्तीफे व गिरफ्तारी की मांग भी की. इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने पलटवार करते हुए गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने एक ऑडियो टेप का आज जिक्र किया. इसमें हास्यास्पद बात यह है कि अपनी पार्टी के लोगों का तो उन्होने जिक्र किया ही लेकिन उन्होंने भाजपा के नेता व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी जिक्र किया. सुरजेवाला इस तरह से बयान कर रहे थे जैसे एसओजी के डीजी हो, मुकदमा दर्ज होना चाहिए, गिरफ्तार होना चाहिए. सवाल तो यह है कि यह टेप उनके पास कहां से आया? क्या सोशल मीडिया पर जारी किसी टेप की ऑथेंटिसिटी है क्या? उसकी जांच हुई थी क्या?
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सतीश पूनियां ने आगे कहा कि आॅडियो टेप में ऐसा प्रतीत होता है कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय से किसी लोकेश शर्मा के द्वारा जारी हुआ है. आज गजेंद्र सिंह शेखावत ने खुद कहा है इस ऑडियो की दुनिया की कोई भी जांच एजेंसी जांच करवा ले वह तैयार हैं. इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस पार्टी के मुखिया व पूरी सरकार भाजपा की मानहानि करने के लिए इस तरह के उपक्रम करती है. यह जाहिर सी बात है कि झगड़ा उनका है. इसमें कहीं भी भाजपा नहीं थी.
पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के बयान से साबित होता है कि आज उन्होंने कहा कि जब मैं सांसद बना तो सचिन पायलट 3 साल के थे और अभी आ जाएं तो मैं उनको गले लगा लूं. सीएम गहलोेत को पायलट को गले लगाना ही है तो राजस्थान की जनता को क्यों अकेला छोड़ रखा है. दूसरी बात उन्होंने कही कि पिछले डेढ़ साल से हमारा कोई संबंध नहीं है. कितनी विचित्र बात है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का संवाद ही नहीं है. लडाई उनके घर की है इसमें बीजेपी कहां से आ गई. कांग्रेस की आपसी लडाई को बीजेपी के माथे मंढा जा रहा है.
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एसओजी में दर्ज किए मुकदमों पर पूनियां ने कहा कि 124 ए अंग्रेजों का कानून है. अंग्रेजों के कानून को हटाने की परोपकारी 2019 में इसी पार्टी ने की. आज उसी 124 ए की आड में जिस तरीके से मुकदमा दर्ज कर भयभीत कराने की कोशिश हुई है. यह कुर्सी बचाने के भय का सबसे बडा उदाहरण है. मुझे ऐतराज है रणदीप सुरजेवाला एसओजी के डिजी है क्या जिस तरह की भाषा उन्होंने इस्तेमाल की. इस तरह की बनावटी बातों से हमारी पार्टी के नेताओं पर तो कम से कम उन्हें लांछन नहीं लगाना चाहिए. संजय जैन को अपराधी एस्टेब्लिश कर एसओजी ने पकडा संजय जैन भाजपा का कोई नेता नहीं है. वह कांग्रेस पार्टी का ब्लॉक अध्यक्ष रहा है.
पूनियां ने आगे कहा कि अशोक गहलोत जी कुर्सी बचाने के लिए इतने बेचैन हैं कि वह प्रतिशोध की राजनीति पर उतर आए हैं. यह हताशा पुत्र की हार भी हो सकती हैं. यह हताशा इनकम टैक्स के छापे भी हो सकते हैं. लेकिन इस बात का जवाब राजस्थान की जनता मांगती है की सरकार को बाडे से कितने दिन चलाओगे. आज भी मंत्रियों और विधायकों को उनके क्षेत्र की जनता ढूंढ रही है और सरकार उस बाड़े में फुटबॉल खेल रही है. पूनियां ने कहा कि गजेंद्र सिंह जी पर लगाए गए झूठे आरोप को इस तरीके से प्रचारित किया गया, यह मानहानि है.
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नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि बिना अधिकृत परमिशन के कोई फोन टेप नहीं हो सकता है. फोन टेप करने के लिए गृह विभाग से अनुमती लेनी पड़ती है. इस तरह फोन टेप करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है. किस अधिकार के तहत फोन की टेपिंग की गई. कटारिया ने गहलोत सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि इस तरह के रिकॉर्ड ऑडियो कि कोई आॅथेटिसिटी नहीं है. इस तरह के टेप को कोर्ट भी स्वीकार नहीं करती है. यह बीजेपी को इंवॉल्व करने का गहलोत सरकार का दुस्साहस मात्र है. गहलोत और पायलट का आपसी झगड़ा जगजाहिर है. गहलोत सरकार द्वारा जारी किए गए इस ऑडियो टेप की कोई वैलिडिटी नहीं है. इस मामले में जबरदस्ती बीजेपी को लाया गया है. इस तरह का व्यवहार करना लोकतंत्र की गरिमा को गिराने वाला है.
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राजेंद्र राठौड ने कहा कि गहलोत सरकार मृत्यु शैया पर लेटी हुई है. मेरी मांग है कि लोकेश शर्मा किस हैसियत तनख्वाह ले रहा है. किस पद पर काम कर रहा है. सबसे पहले इसे गिरफ्तार करना चाहिए. इस मामले में लोकेश शर्मा की जांच करनी चाहिए. किस हैसियत से उसने फोन टेप किए. हमने पहले भी कहा था कि हमारे टेलीफोन टेप हो रहे हैं. गहलोत सरकार में एक सप्ताह में तीसरी बार प्रदेश में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ है. इन्हीं लोगों ने इस कानून को हटाने की बात की थी. आज ये ही लोग इस कानून बेजा इस्तेमाल कर कर रहे है. गजेंद्र सिंह जी पर आरोप लगाना गलत है. मेरी मांग है कि सबसे पहले लोकेश शर्मा पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए.