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Ashok Gehlot Big statement: राजस्थान कांग्रेस चुनाव समिति की आज पहली बैठक पीसीसी वॉर रूम में आयोजित हुई. इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पत्रकारों से रूबरू हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने भाजपा-आरएसएस और संजीवनी मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री व जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत पर जमकर निशाना साधा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कर्नाटक में 90 साल के नौजवान भी चुनाव जीते है, आगामी विधानसभा चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट दिया जाएगा. मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि प्रदेश की जनता मानस बना चुकी है कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी में खुद में कोई दम नहीं है. बीजेपी के पन्ना प्रमुख सिर्फ पन्नों में रह गए है. बीजेपी के पास हकीकत में कोई वर्कर नहीं है. बीजेपी को आरएसएस से जरूर थोड़ा फायदा मिलता है, वरना इनमें खुद में तो कोई दम नहीं है.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि देश भर में राजस्थान की योजनाओं की चर्चा है. हमारी चुनाव समिति की बैठक शानदार रही है. हम मैदान में उतर चुके हैं. बीजेपी के वादे का क्या हुआ, जनता सवाल पूछेगी. प्रधानमंत्री मोदी के चहरे पर चुनाव हुआ तो बीजेपी की हार तय है. भाजपा के नेता चुनावों से पहले ही हार मानने की स्थिति में है. हमारी योजनाओं को अन्य प्रदेशों में सरकारें अपने मेनिफेस्टो में जोड़ रही है. जनता का फैसला सर्वोपरि है. जनता ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को रिपीट करने का मन बना लिया है. जनता माई-बाप ने तय कर लिया है, कांग्रेस सरकार रिपीट करेगी. कार्यकर्ताओं की भावना के आधार पर उम्मीदवार का चयन होगा. स्थानीय निकाय, पंचायती राज के जनप्रतिनिधि भी उम्मीदवारी का दावा कर सकते हैं. चुनाव में टिकट का क्राईटेरिया केवल जीत का रहेगा. चुनाव जीतने वाला उम्मीदवार होना चाहिए. जिताऊ नेता 90 साल का भी हो सकता है. कर्नाटक में अभी 90 साल के नौजवान थे, वह भी चुनाव जीत गए. स्क्रीनिंग कमेटी के आने के बाद टिकट वितरण तय होगा.

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मुख्यमंत्री गहलोत संजीवनी मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री व जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे जेल भेजने की तैयारी हो रही है. अगर जेल भेजते है तो डेढ़ लाख लोगों का क्या होगा? पीड़ित कई राजपूत समाज के है. एसओजी की जांच के आधार पर मैंने बयान दिया. मैं आज भी अपनी बात पर कायम हूं. एसओजी की रिपोर्ट के अनुसार गजेंद्र सिंह मुजरिम है. मैं अगर दखलंदाजी करता तो गजेंद्र सिंह गिरफ्तार हो जाते, लेकिन मैंने कभी एसओजी-एसीबी या अपराधों के मामलों में दखलंदाजी नहीं की है. गजेंद्र सिंह अगर मुलजिम नहीं है तो हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत क्यों लेते है. क्यों सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.

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