Politalks.News/Rajasthan. पेगासस जासूसी मामले जांच की मांग को लेकर कांग्रेस ने जयपुर में आज राजभवन का घेराव किया. इस प्रदर्शन के मंच से दिग्गजों की मौजूदगी में डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश घोघरा और पीसीसी उपाध्यक्ष, खाजूवाला विधायक गोविंद मेघवाल अपनी भाषण बाजी के दौरान अनैतिक भाषा की मर्यादाओं की सभी सीमा पार कर गए. दोनों ने राज्यपाल को बीजेपी का एजेंट बता दिया, अब ये दोनों ही कांग्रेस नेता बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं. बीजेपी ने इस कांग्रेस की निकृष्ट राजनीतिक संस्कृति बताया है.
मेघवाल और घोघरा के बेलगाम बोल-‘राज्यपाल को बताया ‘दलाल’ मोदी-शाह रंगा बिल्ला’
प्रदर्शन के मंच से डूंगरपुर विधायक गणेश डोगरा ने राज्यपाल, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ अमर्यादित भाषा का उपयोग किया, घोघरा ने राज्यपाल कलराज मिश्र को बीजेपी का दलाल बता दिया, घोघरा अपने भाषण में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को रंगा बिल्ला बता गए. घोघरा यहीं नहीं रुके बोले कि इन लोगों को दौड़ा दौड़ा कर जूते मारने चाहिए. घोघरा ने बीजेपी पर झूठे वादे करने का भी आरोप लगाया. वहीं खाजूवाला विधायक गोविंद मेघवार ने राज्यपाल को मोदी सरकार का एजेंट बता दिया और जूते मारने तक की बात कहा डाली. जिस समय गणेश घोघरा और गोविंद मेघवाल जब मंच से भाषण दे रहे थे, उस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सरकार के मंत्री वरिष्ठ नेता विधायक मौजूद थे लेकिन किसी ने भी उन्हें टोका नहीं बल्कि उनके भाषण पर नेता कार्यकर्ता ताली बजाते दिखे
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पूनियां बोले- ‘देखिए कांग्रेस का असली चरित्र’
अब गणेश घोघरा अपने इस विवादित बयान को लेकर बीजेपी के निशाने पर हैं. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने तंज कसते हुए कहा कि, देखिए कांग्रेस का असली चरित्र, देश के सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के खिलाफ अपशब्द, कौन माफ़ करेगा इनको ?, ओछी पार्टी ओछे नेता और ओछे बोल…. सत्ता जाने का भय मानसिक रूप से असंतुलित कर देता है, बरसों तक लूट-झूठ का खेल खेलकर झूठे मुद्दे पर धरने का पाखंड करते हैं’.
‘गली का बच्चा भी गणेश डोगरा जैसा नहीं बोलेगा’- कटारिया
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पलटवार करते हुए कहा कि, ‘इस मामले में कांग्रेस को ही प्रसंज्ञान लेना चाहिए. यह शब्द बोलने के योग्य है या नहीं. गली का बच्चा भी गणेश घोघरा जैसा नहीं बोलेगा’. कटारिया ने तंज कसते हुए कहा कि, ‘मुझे घोघरा की बुद्धि पर ही तरस आता है. मैं सोचता हूं कि गली का बच्चा भी गणेश डोगरा जैसा नहीं बोलेगा. जब राजस्थान के मुख्यमंत्री पहले कह चुके हैं कि लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ेगा तो मेरी जिम्मेदारी नहीं होगी. फिर तो भगवान ही जिम्मेदार होगा’.
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‘कांग्रेस की निकृष्ट राजनीतिक संस्कृति’- राठौड़
गणेश घोघरा के बयान पर निशाना साधते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘पीसीसी उपाध्यक्ष गोविन्द मेघवाल और युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गणेश घोघरा ने राज्यपाल के लिए एजेंट जैसे घृणित शब्द का प्रयोग करके लोकतांत्रिक परम्पराओं एवं संविधान का अपमान किया है. राजस्थान के इतिहास में पहला उदाहरण है जब संवैधानिक प्रमुख के भवन का घेराव और असंसदीय, अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है. यह राजस्थान की सुस्थापित राजनीतिक संस्कृति पर कालिख पोतने के समान है. घोघरा का इस तरह बोलना कांग्रेस की निकृष्ट राजनीतिक संस्कृति की परिचायक है’.
आदिवासी स्टेट की मांग कर चुके हैं घोघरा
कांग्रेस में पिछले साल सियासी घमासान के दौरान यूथ कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाकर के पायलट कैंप में चले जाने के चलते विधायक गणेश घोघरा को यूथ कांग्रेस की कमान दी गई थी. विधायक गणेश घोघरा कांग्रेस से विधायक और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष होने के बावजूद राजस्थान में अलग आदिवासी स्टेट की मांग कर चुके हैं. विधानसभा में एक बार घोघरा ने बयान दिया था कि, ‘हमारा आदिवासी धर्म अलग है. हमारी संस्कृति अलग है, हम प्रकृति को पूजते हैं, RSS के लोग कहते हैं आदिवासी हिंदू हैं, जबकि हिंदू के नाम पर हमारा शोषण हो रहा है. हमारा आदिवासी धर्म कोड अलग होना चाहिए. हम पर हिंदू धर्म थोपना बंद कीजिए, हम हिंदू नहीं हैं, हम अपने आपको हिंदू नहीं मानते. घोघरा के इस बयान पर काफी विवाद हुआ था. बीजेपी ने विधानसभा में जमकर बवाल काटा था. घोघरा के बयान से गहलोत सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था