Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास अधिकारियों को लात मार कर भगाने वाले बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर आ गए हैं. भाजपा ने खाचरियावास को जमकर घेरा है. भाजपा ने इस मामले में कहा कि, ‘अब यह साफ हो चुका है कि सरकार के मंत्रियों की भी अधिकारी नहीं सुनते. ऐसे में खाचरियावास को मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. परिवहन मंत्री खाचरियावास ने अवैध पानी का कनेक्शन काटने के मामले में अधिकारियों को लात मारकर भगाने बात कही थी. जनसुनवाई के दौरान का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘यह सरकार दंभभरी, अहंकारी और अभिमानी है. मंत्री पद पर बैठे जिम्मेदार व्यक्ति ऐसा बयान दे तो सोचने की बात है. उसे समाज भी देखता है और इसे किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता’. पूनियां ने कहा कि, ‘गहलोत सरकार में जायज व्यक्तियों को भी सभी सुविधाएं और सहूलियत की पूरी व्यवस्था नहीं है. वहीं, जिन व्यक्तियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रहीं, उनके लिए भी नियम बनाकर सुविधाएं देनी चाहिए.
जयपुर के सांगानेर से भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने इस घटनाक्रम को लेकर कहा कि, ‘परिवहन मंत्री ने जो कुछ बोला, उसके बाद यह तो साफ हो गया कि इस सरकार में मंत्रियों की ही अधिकारी नहीं सुनते. ऐसे में खाचरियावास को तो मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए’
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आपको बता दें कि मंगलवार को परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. जिसमें पाइपलाइन उखाड़ रहे और पानी का कनेक्शन काटने आए अफसरों को धमकाते हुए नजर आ रहे थे और यह भी कह रहे थे कि कोई पानी का कनेक्शन काटने आए तो दो लात मारिए, चाहे कोई कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो. गरीब का पानी बंद नहीं होगा. मैं भगा दूंगा….’
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सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है. कुछ यूजर्स प्रतापसिंह के बयान को सही बता रहे हैं तो कुछ इसे गलत बताते हुए टिप्पणी भी कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि, ‘परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के मुंह से “अमृत” बरस रहा है. नगर निगम के अधिकारी को अपशब्द कहते हुए निकालने के लिए कह रहे हैं. यह भी कह रहे हैं कि गरीब का पानी बंद नहीं होगा, फिर चाहे कितना ही बड़ा अधिकारी क्यों ना हो उसे भगा दूंगा’. वहीं एक यूजर ने लिखा है कि, ‘प्रताप जी ने सही किया अधिकारी यही भाषा सुनते हैं’