PCC में निंबाराम के गिरफ्तारी प्रस्ताव पर ‘तमकी’ बीजेपी, पूनियां-कटारिया ने तानी भौंहे, डोटासरा को घेरा

निंबाराम मामले में कांग्रेस ने फिर दबाई बीजेपी की दुखती 'नस', पीसीसी में निंबाराम की गिरफ्तारी का प्रस्ताव क्या पारित हुआ भड़की बीजेपी, पूनियां और कटारिया ने कसे तंज, तो डोटासरा को RAS मसले पर घेरा. कांग्रेस की बैठक में रखा गया था संघ प्रचारक निंबाराम को जल्द गिरफ्तार करने का प्रस्ताव

निंबाराम के 'नाम' पर फिर आमने-सामने हुई बीजेपी-कांग्रेस
निंबाराम के 'नाम' पर फिर आमने-सामने हुई बीजेपी-कांग्रेस

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के दौरान निगम कमीशन कांड मामले में संघ प्रचारक निंबाराम की गिरफ्तारी को लेकर रखे गए प्रस्ताव पर अब सियासत गर्मा गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस घटना को निंदनीय करार दिया और यह तक कह दिया कि जो काम न्यायपालिका और एसीबी का है, उस पर दबाव बनाने का काम अब पीसीसी की बैठकों में किया जा रहा है.

कांग्रेस के ऑफिस में सब तय होगा तो संस्थाएं क्या करेंगी- पूनियां
जयपुर में भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने इस मसले पर कहा कि यह काम ACB, कानून का है और न्यायपालिका और प्रशासन की अपनी व्यवस्था है, लेकिन जब किसी कांग्रेस पार्टी के ऑफिस में यह तय होने लगा तो फिर यह संस्थाएं क्या करेंगी. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जो काले बादल विधानसभा और कांग्रेस पार्टी पर मंडरा रहे हैं, उस पर से ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार के परपंच और कुकृत्य कांग्रेस के नेता करते हैं, ताकि 2-5 दिन इन बातों की चर्चा रहे और वो अपना राजनीति के साध लें.

पूनियां का डोटासरा पर हमला, बोले- ‘कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा’
बीजेपी के प्रदेश ‘प्रधान’ सतीश पूनियां ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा पर जमकर हमला बोला. डोटासरा पर RAS इंटरव्यू में परिवार के लोगों को बेजा और अनैतिक फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने यह भी कहा कि, ‘होना तो यह चाहिए था कि इस घटनाक्रम के बाद डोटासरा आगे होकर अपना इस्तीफा देते और पूरे प्रकरण की निष्पक्षता से जांच करवाते, लेकिन इन सब से ध्यान भटकाने के लिए वो इस प्रकार का कृत्य कर रहे हैं. लेकिन इसका परिणाम कांग्रेस को भी आज नहीं तो कल भुगतना ही पड़ेगा’.

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ACB के काम दखलंदाजी करने की कोशिश कर रही है कांग्रेस- कटारिया
वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है. कटारिया ने प्रदेश कांग्रेस की बैठक में संघ प्रचारक निंबाराम को गिरफ्तार करने जैसा प्रस्ताव रखने को निंदनीय बताया. कटारिया ने एक बयान जारी कर कहा कि, ‘मैं कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं कि जो काम भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का है और वो उसकी जांच भी कर रही है, यदि उसमें निंबाराम दोषी होंगे तो एसीबी उनपर कार्रवाई करेगी लेकिन पीसीसी के माध्यम से एसीबी के काम में दखलअंदाजी करने के लिए जो प्रस्ताव पारित किया गया है वो निंदनीय है’. कटारिया ने कहा कि, ‘किसी को गिरफ्तार करने का प्रस्ताव पारित करना या गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा किए गए कुकृत्य के लिए उन्हें क्लीन चिट देकर निर्दोष साबित करने का काम पीसीसी का नहीं है’. कटारिया ने कहा कि, ‘आरएएस एग्जाम में जो कुछ भी हुआ वो जांच का विषय है और उसकी जांच होनी चाहिए. लेकिन उसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदार द्वारा ओबीसी के सर्टिफिकेट से जुड़ा जो मामला सामने आया, उसमें भी डोटासरा की भूमिका संदिग्ध है, जिसकी जांच होनी चाहिए’.

PCC में पास हुआ था निंबाराम को गिरफ्तार करने का प्रस्ताव
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आज प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में पीसीसी के उपाध्यक्ष रामलाल जाट ने बीजेपी और आरएसएस के नेताओं के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखा. सभी पदाधिकारियों ने एक मत से निंदा प्रस्ताव का समर्थन कर उसे पारित किया. माकन ने कहा कि कांग्रेस निंबाराम
को गिरफ्तार करने की मांग करती है. इससे पहले पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी संघ प्रचारक को गिरफ्तार करने की मांग कर चुके हैं.

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क्या है पूरा मामला जिस पर हो रहा बवाल
राजधानी जयपुर के ग्रेटरनगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर के निलंबन के बाद अब बीवीजी कंपनी घूसकांड को लेकर कांग्रेस बीजेपी आमने सामने हैं. निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम और सफाई कंपनी बीवीजी के प्रतिनिधियों की बातचीत का एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में बिल पास करवाने के एवज में 20 करोड़ के कमीशऩ की बात हो रही है. इस लेकर एसीबी में दर्ज हुए मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम का नाम भी शामिल किया गया. राजस्थान में संभवतया यह पहला मामला है जब ऐसे किसी घूसकांड में आरएसएस प्रचारक का नाम शामिल हुआ है.

कौन हैं निंबाराम?
निंबाराम पिछले 30 साल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक हैं. निंबाराम जिस राजस्थान क्षेत्र के प्रचारक हैं. आरएसएस की दृष्टि से इसमें तीन प्रांत, जयपुर प्रांत, चित्तौड़गढ़ प्रांत और जोधपुर प्रांत आते हैं. निंबाराम पहले प्रांत प्रचारक भी रह चुके हैं. आरएसएस की गणवेश में नेकर से पेंट के परिवर्तन में संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम का भी प्रमुख योगदान रहा है. निंबाराम मूलत: फलैदी के रहने वाले हैं. उच्च शिक्षित निंबाराम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर में प्रचारक रह चुके हैं. मार्च 2020 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बेंगलुरु में आयोजित होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक स्थगित होने के बाद निंबाराम को सह क्षेत्रीय प्रचारक से पदोन्नत कर क्षेत्रीय प्रचारक का दायित्व सौंपा गया था.

 

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