बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सुप्रीमो नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. अब इस मांग पर राज्य की सियासत भी उबाल मारने लगी है. इस पर राजद और जदयू के साथ साथ बीजेपी भी आमने सामने हो गयी है. जहां बीजेपी और जदयू नीतीश को बिहार में विकासात्मक बदलाव के जननायक बताते हुए सुशासन बाबू को भारत रत्न देने की पैरवी कर रही है. वहीं जदयू की ओर से लालू प्रसाद यादव को राजनीति का गुरू बताते हुए उन्हें पुरस्कार की जा रही है.
दरअसल, जदयू नेताओं के बाद केंद्रीय मंत्री एवं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग की है. इसके बाद इस मुद्दे पर एक बार फिर से बहस तेज हो चली है. 76वे गणतंत्र दिवस के मौके पर जीतनराम मांझी ने कहा कि विघ्न बाधाओं के बीच नीतीश कुमार ने बिहार का नाम रोशन किया. उन पर किसी प्रकार के वित्तीय अनियमितता या भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है. उन्होंने बिहार के विकास को गति दी. नीतीश कुमार के लिए भारत रत्न या उसके समान पुरस्कार की मांग रखते हुए इस राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है.
राजद और जदयू हुए आमने-सामने
इस मांग पर राजद और जदयू आमने सामने हो गए हैं. राजद के पार्टी प्रवक्ता एज्या यादव ने कहा है कि जीतनराम मांझी की मांग का अभिप्राय कुछ और है. वे मांग नहीं रहे बल्कि अपनी राजनीति चमकाने की कवायद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शायद वे भूल रहे हैं कि नीतीश कुमार, सुशील कुमार मोदी, रविशंकर सिन्हा ये सब लालू प्रसाद यादव की यूनिवर्सिटी के प्रॉडक्ट हैं. गुरु तो लालू प्रसाद ही हैं, इसलिए मांझी जी को अगर भारत रत्न मांगना है तो लालू प्रसाद यादव के लिए मांगें.
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इस पर जेडीयू की तीखी प्रतिक्रिया आई है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार का व्यक्तित्व इतना भारी है कि पुरस्कार उनके पीछे दौड़ता है. उन्हें ग्लोबल थिंकर की उपाधि मिली है. यूएनओ के राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में उन्हें क्लाइमेट लीडर बताया गया. उनके बारे में पीएम का भी मन्तव्य है कि राम मनोहर लोहिया और जॉर्ज फर्नांडिस के बाद देश में परिवारवादी राजनीति के खिलाफ समाजवादी मूल्यों की राजनीति की है उनका नाम नीतीश कुमार हैं. ऐसे में जीतनराम मांझी को ऐसी मांग करने का अधिकार है. जदयू ने ये भी कहा कि पुरस्कार नीतीश कुमार के पीछे दौड़ता है.
इधर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता दानिश इकबाल ने कहा है कि नीतीश कुमार बिहार में विकासात्मक बदलाव के जननायक हैं. उनकी इमानदार छवि वाले ईमानदार नेता हैं. उन्होंने बिहार में जिस प्रकार से सुशासन स्थापित किया इसके लिए वे भारत रत्न के हकदार हैं. समय आने पर भारत रत्न जैसा पुरस्कार उन्हें जरूर दिया जाएगा. गौरतलब है कि जदयू मोदी सरकार में साझेदार हैं. ऐसे में देखना होगा कि क्या केंद्र की एनडीए सरकार इस मांग पर अमल करती है या फिर बिहार में इस मांग पर राजनीति और तेज होती है.