बिहार की राजनीति में पप्पू यादव ने फंसाया पेंच, अब क्या करेगा महागठबंधन?

पूर्णिया से लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने बढ़ाई तेजस्वी यादव की टेंशन, बिहार बंद में हुए अपमान को भूल नहीं पाए हैं पप्पू, सीएम फेस को लेकर भी हो सकता है मनभेद

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Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनावों को अब दो से तीन महीने का वक्त शेष है और राजनीति चरम पर है. महागठबंधन इस बार सत्ताधारी एनडीए को पटखनी देने के लिए कमर कस चुका है. ऐसे वक्त में राज्य की पूर्णिया से लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस की राह में कांटे बोते हुए पेंच फंसा दिया है. हाल में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे और सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और जो मांग रखी, उससे कांग्रेस और विशेष तौर पर तेजस्वी यादव की टेंशन बढ़ गयी है.

दरअसल, बिहार विस चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति पर विचारार्थ कांग्रेस पार्टी की दिल्ली में एक बैठक हुई थी. इस बैठक में पप्पू यादव को भी बुलाया गया था. यहां उन्होंने बिहार चुनाव के लिए हर तरह की भूमिका का निर्वाह करने पर सहमति प्रदान की. साथ ही बिहार के भावी मुख्यमंत्री फेस के लिए दलित और मुस्लिम नेताओं को आगे करने का सुझाव दिया. पूर्णिया सांसद ने इसके लिए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष राजेश राम और सांसद तारिक अनवर का नामों का जिक्र किया.

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अपमान का बदला दे रहे पप्पू यादव

हाल में चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट रिवाइज के कदम के बाद जब विपक्ष ने बिहार बंद बुलाया, उसमें कथित तौर पर पप्पू यादव और कन्हैया यादव का अपमान किया गया. इस बंद में पप्पू यादव को महागठबंधन नेताओं के साथ ट्रक में नहीं चढ़ने दिया. इस ट्रक में राहुल गांधी से लेकर तेजस्वी यादव तक बड़े नेता मौजूद थे. आरोप यह लगाया जा रहा है कि राजद की प्लाइंग की वजह से ही ऐसा किया गया था. हालांकि पप्पू यादव ने इस संबंध में कोई नाराजगी तो नहीं जताई लेकिन सीएम फेस के लिए कांग्रेस नेताओं का नाम सुझाकर तेजस्वी की राह में कांटे बोने का काम जरूर किया है.

तेजस्वी हैं महागठबंधन के सीएम फेस

राजद विधायक एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार में महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा हैं. दो बार प्रदेश के डिप्टी सीएम रह चुके तेजस्वी के नाम पर गठबंधन में शामिल सभी राजनीतिक पार्टियों की मौन सहमति भी है. हालांकि कांग्रेस ने कभी भी खुलकर तेजस्वी को सीएम फेस के तौर पर स्वीकार नहीं किया है. ऐसे में देखना ये होगा कि पप्पू यादव के सुझाव पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया क्या होगी और तेजस्वी पप्पू के इस सीक्रेट वार का सामना किस तरह से कर पाते हैं.

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