जिम्मेदारों का ‘जिम्मेदारी’ से मोह भंग: कूड़े में मिली हजारों वीवीपैट पर्चियां

घटनाक्रम से जिले में मची सनसनी, चुनाव आयोग की पारदर्शिता और मंशा पर उठ रहे सवाल, स्थानीय और राजनीतिक लोगों ने किया हंगामा

bihar elections updates
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बिहार में विधानसभा चुनाव का अंतिम चुनाव प्रचार चल रहा है. आज शाम 5 बजे चुनावी प्रचार से संबंधित रैलियां और सभाओं पर रोक लग जाएगी. मतदान 11 नवंबर को है. इससे पहले राज्य में सरकारी अफसरों का बे-जिम्मेदाराना रवैया देखने को मिला. बिहार के समस्तीपुर जिले की सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के शीतलपट्टी गांव के पास हजारों वीवीपैट की पर्चियां कूड़े में पड़ी मिली, जिसे देखकर हडकंप मच गया. उक्त विस सीट पर हाल में मतदान हुआ है. चुनावी माहौल के बीच इस अप्रत्याशित घटना ने चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन के साथ साथ जिम्मेदार अफसरों को भी संदेह के घेरे में खड़ा करने का काम किया है.

समस्तीपुर जिले की सरायरंजन विधानसभा सीट पर 6 नवंबर को मतदान हुआ था. 8 नवंबर की सुबह लोगों ने जब यह पर्चियां देखीं तो इलाके में सनसनी फैल गई. सैकड़ों की संख्या में लोग मौके पर एकत्र हो गए, जिसके बाद पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात कर भीड़ को शांत किया.

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स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि यह चुनाव कर्मियों की भारी लापरवाही है. घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया. समस्तीपुर के जिलाधिकारी (डीएम) और जिला निर्वाचन पदाधिकारी रोशन कुशवाहा, पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरविंद प्रताप सिंह और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने तुरंत सभी पर्चियों को जब्त कर लिया और जांच के आदेश दिए. डीएम ने कहा कि पर्ची पर मतदान केंद्र की पहचान के आधार पर दोषियों को चिन्हित किया जाएगा.

चुनाव से जुड़ी प्रक्रिया पर उठे सवाल

घटना की खबर फैलते ही निर्दलीय प्रत्याशी कुणाल कुमार और जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी सज्जन मिश्र भी घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की. वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने उक्त घटनाक्रम को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा और वोट चोरी के आरोप दोहराए. राजद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि इतनी बड़ी संख्या में वीवीपैट पर्चियों का सड़क पर मिलना चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है.

पर्चियों को सील किया

इस संबंध में डीएम ने बताया कि यह संभवतः ‘मॉक पोल’ यानी मतदान से पहले की जांच प्रक्रिया में निकली पर्चियां हो सकती हैं, जिन्हें सही तरीके से नष्ट नहीं किया गया. उन्होंने स्वीकार किया कि यह स्पष्ट रूप से लापरवाही है और इस मामले में संबंधित कर्मियों को निलंबित किया जा रहा है. गलती चाहें किसी की भी हो लेकिन यह घटना चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर भी निश्चित तौर पर सवाल उठाता है.

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