Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो ‘सुशासन बाबू’ के नाम से जाने जाते हैं. नीतीश बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले व्यक्ति हैं. उन्होंने 19 साल 58 दिन तक बतौर सीएम कार्यभार संभाला है और अभी भी पदाधीन हैं. इसके अतिरिक्त, भारत गणराज्य के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्रियों की सूची में नीतीश कुमार 8वें पायदान पर हैं. नीतीश 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर सेवा दे रहे हैं. अगर वे इस बार बिहार में सत्ता की कुर्सी पर आसीन होते हैं और कार्यकाल पूर्ण करते हैं तो सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्रियों की सूची में पहले पायदान पर शामिल होंगे. इसके अतिरिक्त, रोचक बात ये भी है कि बिहार में करीब 20 वर्षों से शासन करने वाले नीतीश केवल एक बार विधानसभा चुनाव जीत पाए हैं, जबकि दो बार उन्होंने हार का सामना करना पड़ा है.
बैक डोर से अपनाते हैं सत्ता का रास्ता
नीतीश कुमार आज तक सिर्फ 3 बार विधानसभा चुनाव लड़े हैं. इसमें उन्हें 1 बार जीत और 2 बार हार मिली है. उनके राजनीतिक करियर की शुरूआत 1977 में हरनौत विधानसभा सीट से हार के साथ हुई थी. उन्होंने जनता पार्टी के टिकट पर विस चुनाव लड़ा था. इसके बाद फिर हरनौत सीट से ही साल 1980 में चुनाव लड़ा था. इसमें भी नीतीश कुमार को हार का सामना करना पड़ा था. विधानसभा चुनाव 1985 में पहली बार नीतीश कुमार को जीत मिली थी. यह जीत उन्हें हरनौत विधानसभा सीट से लोकदल के प्रत्याशी के रूप में मिली थी. इसके बाद नीतीश कुमार कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़े हैं. वर्तमान में नीतीश विधान परिषद के सदस्य हैं और उन्होंने 1985 के बाद हमेशा विधान परिषद के जरिए ही सदन में प्रवेश किया.
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2004 में अंतिम बाद लड़ा था चुनाव
नीतीश ने भले ही विधानसभा चुनाव एक बार जीता हो लेकिन लोकसभा चुनाव 6 बार जीता है. नीतीश कुमार 1989 में बाढ़ लोकसभा सीट से पहली बार जीत दर्ज कर सांसद बने थे. इसके बाद इसी सीट से साल 1991, 1996, 1998 और 1999 में भी विजय हासिल की थी. नीतीश कुमार ने साल 2004 में दो लोकसभा सीट बाढ़ और नालंदा से चुनाव लड़ा था. इसमें वह बाढ़ से चुनाव हार गए थे जबकि नालंदा में उन्हें जीत मिली थी. साल 2004 के बाद नीतीश कुमार ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है. वह वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. उनकी सदस्यता 2030 तक है.
चाणक्य के नाम से मशहूर हैं नीतीश कुमार
‘सुशासन बाबू’ और बिहार की राजनीति में ‘चाणक्य’ नाम से मशहूर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मंझे हुए राजनेता हैं. विचारों से समाजवादी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी सुलझे हुए नेता माने जाते हैं. नीतीश कुमार ने राजनीति के गुण जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर और जॉर्ज फर्नाडीज से सीखे हैं. जेपी के आंदोलन दौरान नीतीश कुमार राजनीति के क्षेत्र में उतरे और फिर आगे बढ़ते गए.
सर्वप्रथम नीतीश कुमार बिहार के सीएम साल 2000 में सिर्फ सात दिनों के लिए बने थे. इसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. फिर नीतीश कुमार नवंबर 2005 में दूसरी बार सीएम बने. इसके बाद 2010 में तीसरी बार, इसके बाद 2015 में चौथी बार सीएम बने थे. विधानसभा चुनाव 2015 के बाद नीतीश कुमार महागठबंधन सरकार में पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि जुलाई 2017 में नीतीश कुमार सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और फिर बीजेपी के समर्थन से अगले ही दिन छठवीं बार सीएम बन गए थे. नीतीश कुमार साल 2020 में सातवीं बार सीएम बने. अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर इस्तीफा दिया और फिर RJD के साथ गठबंधन करके 8वीं बार सीएम बने. जनवरी 2024 में फिर नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी के समर्थन से 9वीं बार मुख्यमंत्री बने हैं.



























