बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सिर्फ स्लोगन रह गया है, PM मोदी को सुननी चाहिए पहलवानों की बात – कृष्णा पूनिया

हरियाणा की बेटी पीछे हटने वाली नहीं है, पहलवानों के न्याय के लिए हम लड़ते रहेंगे और न्याय प्राप्त करके रहेंगे - कृष्णा पूनिया, पहलवानों के धरने को लेकर कृष्णा पूनिया ने साधा केंद्र की मोदी सरकार पर हमला

KRISHNA POONIA
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हरियाणा की बेटी पीछे हटने वाली नहीं है, पहलवानों के न्याय के लिए हम लड़ते रहेंगे और न्याय प्राप्त करके रहेंगे – कृष्णा पूनियादेश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले काफी दिनों से पहलवानों का धरना चल रहा है. पहलवानों के इस धरने को इन दिनों कांग्रेस नेताओं का खुलकर समर्थन मिल रहा है. बीते दिन जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी व पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने पहलवानों का धरना स्थल पर पहुंचकर उनका समर्थन किया वहीं आज एआईसीसी में राजस्थान से कांग्रेस विधायक व स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा पूनिया ने इस मुद्दे पर पत्रकार वार्ता कर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया.

कृष्णा पूनिया ने पहलवानों के मुद्दे को लेकर कहा कि देश की वह प्रतिभाएं जिन्होंने देश के तिरंगे का मान रखा, जिन्होंने विदेशी धरती पर राष्ट्रगान बजवाया, जिस दिन वह मेडल जीतकर देश की धरती पर आई तो पूरे देश को गर्व था. मैं बीजेपी की सरकार से पूछना चाहती हूं की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, यह स्लोगन क्या सिर्फ स्लोगन था. पिछले 3 महीने के कार्यकाल में तो मुझे यह सिर्फ एक स्लोगन ही नजर आता है.

कृष्णा पूनिया ने कहा कि उन बच्चियों ने सरकार से गुहार लगाई कि उन्हें न्याय मिले, लेकिन 3 महीनों में कुछ नहीं हो पाना, मुझे लगता है कि हमारी बेटियों को आगे नहीं बढ़ाने की मंशा इसमें केंद्र सरकार की दिखाई देती है. जो बच्चा अनुशासन में रहकर ओलंपिक में मेडल लेकर आता है, वह कितना संघर्षशील और संवेदनशील होगा. आज उनके आंसू बता रहे हैं कि वह कितनी पीड़ा से गुजरे हैं.

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कृष्णा पूनिया ने आगे कहा कि पहलवान विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने परिवार के साथ जाकर सभी बातें बताई थी. मैं पीएम मोदी से गुजारिश करती हूं, कम से कम उस बेटी की बात सुननी चाहिए थी, जिसको आपने बेटी स्वीकारा था. आज मजबूर होकर पहलवान सड़कों पर ट्रेनिंग कर रहे हैं, सड़क पर ही सो रहे हैं, इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है.

कृष्णा पूनिया ने आगे कहा कि एक तरफ हमारा देश मेडल की आस करता है, वहीं दूसरी तरफ हमारी बच्चियों का शोषण होता है. इस देश की कोई भी बेटी ऐसा बुरा लांछन किसी पर नहीं लगाएगी, जिसमें उसकी अस्मत जुड़ी हुई हो. यह इस देश की गरिमा रही है. मैं उन बच्चों की हिम्मत की दात देती हूं जिन्होंने आने वाली पीढ़ी को सही दिशा प्रदान की है. आने वाली पीढ़ी का शोषण ना हो इसके लिए वह आगे आई हैं. कांग्रेस पार्टी उन पहलवानों के साथ खड़ी है.

कृष्णा पूनिया ने कहा कि मैं एक महिला हूं, खिलाड़ी रही हूं, इस पीड़ा को समझ सकती हूं. जब वह बच्चियां अपनी बात रख रही है, उनकी बातों को सुना नहीं जा रहा है, यह सरकार पर प्रश्न चिन्ह है कि इतने दिनों से सरकार क्या कर रही थी, उन्हें क्यों नहीं सुना गया? बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्लोगन सिर्फ स्लोगन रह गया है. देश की बेटियों को सभी वर्गों की जरूरत है. छोटी मानसिकता को परोस कर एक समाज से जोड़ा जा रहा है. जिस दिन वह पदक जीत के लाते हैं, उस दिन वह देश की बेटी होती है. आज इस घटिया मानसिकता को आगे परोस कर इस प्रोटेक्शन को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. यह उस हरियाणा की बेटी है, यह पीछे हटने वाली नहीं है, न्याय के लिए हम लड़ते रहेंगे और न्याय प्राप्त करके रहेंगे.

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