Politalks.news/Delhi. नागौर सांसद और RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने RPSC की कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं. बेनीवाल ने RPSC चैयरमेन भूपेंद्र यादव सहित अन्य कर्मचारियों की सम्पति की जांच CBI से कराने की मांग करते हुए बीजेपी नेताओं को भी आड़े हाथ लिया. बेनीवाल ने कहा की जब परिवहन घोटाला हुआ तब बीजेपी के नेता खामोश क्यों रहे. वहीं राजस्थान में लंबित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हनुमान बेनीवाल ने कहा कि इससे कुछ नहीं होगा सरकार का पूरा तंत्र विफल है. वहीं पेगासस जासूसी कांड को लेकर बेनीवाल ने कहा कि अगर भारत सरकार सही है तो इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दे.
लोकसभा के मानसून सत्र में भाग लेने दिल्ली पहुंचे नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पत्रकार वार्ता के दौरान हाल ही में RPSC में हुई ACB की कार्रवाई की जांच अब सीबीआई से करवाने की मांग की है. हनुमान बेनीवाल ने कहा कि RPSC में व्याप्त भ्रष्टाचार से राजस्थान की साख पिछले कुछ सालों से खराब हो रही है, हाल ही में ACB ने RPSC के जिस कार्मिक को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया उसकी तह तक जांच की जाए तो वर्तमान अध्यक्ष की भूमिका भी सामने आ सकती है. गहलोत सरकार जब संकट में आई तब भूपेंद्र यादव ने नेताओ के फोन टेप किये, गलत मुकदमे दर्ज किए इस कारण उन्हें RPSC के चैयरमैन के रूप में नियुक्ति मिल गई. RPSC अध्यक्ष व सदस्यों के सम्पति की जांच और इस संस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच CBI से करवानी चाहिए.
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परिवहन घोटाले का जिक्र करते हुए बीजेपी नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान भाजपा के जिन नेताओं को आकस्मिक रूप से RPSC में अनियमितता व भ्र्ष्टाचार नजर आने लगा है मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब परिवहन घोटाला हुआ और परिवहन मंत्री पर आरोप जगजाहिर हुए तब वो खामोश क्यों हो गए ?. बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान की विधानसभा में जब RLP के विधायक परिवहन घोटाले की CBI जांच की मांग कर रहे थे तब भाजपा के विधायक सदन से गायब हो गए या खामोश हो गए, आखिर परिवहन मंत्री के विरुद्ध उन्होंने क्यों आवाज नही उठाई.
हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा कि, ‘RPSC के आधा दर्जन पूर्व अध्यक्षों के कार्यकाल की भी जांच होनी चाहिए जिन्होंने अपने कार्यकाल में जमकर भ्रष्टाचार किया और वो जगजाहिर भी है. एक तरफ राजस्थान भाजपा के RPSC के विरुद्ध बयान दे रहे है दूसरी तरफ भाजपा के नेता जो RPSC के चेयरमैन भी रह चुके है वो RPSC को सही बता रहे है. उन्हें यह भय लगने लग गया कहीं जांच हो गई तो आंच उनके कार्यकाल तक नहीं आ पहुंचे, भाजपा का भी अपने नेताओं पर ही कोई नियंत्रण नही है’.
वहीं डोटासरा के परिजनों के RAS में चयन पर बचाव करते हुए बेनीवाल ने कहा कि, ‘RAS में अपनी मेहनत और प्रतिभा से किसानों के पुत्र-पुत्रियों का चयन हुआ है ऐसे में भाजपा के लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि पूर्व में भी किसान पुत्रों का चयन अपनी मेहनत से हुआ था’.
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पेगासस जासूसी कांड का जिक्र करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘राजस्थान में गहलोत सरकार ने भी फोन टेप करवाये और अब भारत सरकार पर टेपिंग के आरोप लग रहे है, ऐसे में भारत सरकार यदि सही है तो इस प्रकरण की जांच विपक्ष की मंशा के अनुरूप स्वतंत्र एजेंसी से करवानी चाहिए’.
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘फोन टेपिंग व अन्य माध्यमों से जासूसी करवाना संविधान प्रदत अधिकारों का हनन है,सरकार को मामले में जांच करवाने की जरुरत है. वहीं तीनों कृषि कानूनों के खिलाफत कर NDA से अलग हुए हनुमान बेनीवाल ने केंद्र सरकार से किसानों की मंशा के अनुरूप 3 बिलों को भी वापस लेने की मांग भी की.
वहीं, राजस्थान में लम्बे से लंबित चले आ रहे मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘मैं यह बताना चाहता हूं कि मंत्रिमंडल विस्तार हो भी जाये तो उससे क्या हो जाएगा ? राजस्थान की गहलोत सरकार का पूरा तंत्र विफल व नाकाम हो चुका है. राजस्थान सरकार को स्वास्थ्य, राजस्व व परिवहन सहित अन्य मंत्री जिन पर भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के आरोप लगे उन्हें ड्रॉप करने की जरूरत है’.