पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. वैश्विक महामारी कोरोना संकट के चलते राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा रविवार को अभिनव पहल करते हुए प्रदेश के सभी सांसद और विधायकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोविड-19 पर चर्चा की गई. लेकिन राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) से जुड़े सभी तीनों विधायक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री की इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहिष्कार किया. आरएलपी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहिष्कार करते हुए न सिर्फ सीएम की वीसी पर सवाल उठाया बल्कि इसके साथ ही प्रदेश सरकार को धरातल पर काम शुरू करने की नसीहत भी दे डाली.
मुख्यमंत्री गहलोत ने सबसे पहले उदयपुर संभाग के नेताओं से बात करके जैसे ही जोधपुर सम्भाग के विधायकों और सांसदों से वार्ता का क्रम शुरू किया, सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक ट्वीट के जरिए इस वीसी संवाद का बहिष्कार करने की घोषणा करते हुए लिखा कि, “अशोक गहलोत जी कोरोना से राज्य भी 2 माह से प्रभावित है, ऐसे में आपको अब सांसदों और विधायकों की याद आई. आप वीसी रूपी दिखावे व औपचारिकता से ऊपर उठकर और 5-6 ब्यरोक्रेट्स और 2-3 मंत्रियों के भंवर जाल से बाहर निकलें.”
सीएम @ashokgehlot51
जी #COVID19 से राज्य भी 2 माह से प्रभावित है ,ऐसे में आपको अब MP ,MLA's की याद आई ,आप VC रूपी दिखावे व औपचारिकता से ऊपर उठकर और 5-6 ब्यरोक्रेट्स और 2-3 मंत्रियों के भंवर जाल से बाहर निकले @NarayanBeniwal7@ErPukhrajgarg @Indiradevi_MLA#RLP_boycott_CM_VC
3/1— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) May 10, 2020
अपने दूसरे ट्वीट में सांसद बेनीवाल ने सीएम गहलोत पर तंज कसते हुए लिखा कि, “रालोपा ने जनहित के मुद्दों और बेरोजगारों की मांग, प्रवासियों की पीड़ा, गांव, गरीब व मजदूर की मांग से आपको अवगत करवाया, उन पर कार्यवाही तो दूर आपकी प्रतिक्रिया तक नहीं आई. अशोक गहलोत जी कोरोना के कहर से तो हम बाहर आ जाएंगे मगर इस अवधी में राजस्थान सरकार और ब्यरोक्रेट्स ने जो नैतिकता खोई है उसकी भरपाई कैसे करोगे ? इसलिए प्रदेश की जनता के आत्मसम्मान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहिष्कार करती है.”
विभिन्न विभागों की लंबित भर्तियों को लेकर तथा जनहित से जुड़े मामलों को लेकर @RLPINDIAorg लगातार मुख्यमंत्री जी का ध्यान आकर्षित कर रही है परंतु उन पर ना तो कोई प्रतिक्रिया देना और ना ही कोई कार्यवाही करना उनकी संवेदनहीनता को दर्शाता है,इसलिए हम सीएम की VC का बहिष्कार करते है!
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) May 10, 2020
सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों और सत्ता पक्ष के विधायक भी कई भारतीयों को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं. ऐसे में उनकी भी अवहेलना गहलोत सरकार द्वारा की जा रही है. जिससे यह प्रतीत होने लगा है कि मुख्यमंत्री चंद अधिकारियों के जाल में फंसे हैं. सांसद बेनीवाल ने यह भी कहा कि इस महामारी के दौर में राजनीति से ऊपर उठकर जनप्रतिनिधियों के सुझावों पर मुख्यमंत्री को गौर करने की आवश्यकता थी मगर उन्होंने 2 माह बाद वीसी के जरिए केवल औपचारिकता निभाने हेतु संवाद का कार्यक्रम रखा.
यह भी पढ़ें: #मंडी_टैक्स_वापस_लो की मांग के साथ हनुमान बेनीवाल ने चलाया डिजिटल अभियान, देश भर में हुआ ट्रेंड
इतना ही नहीं प्रदेश में आरएलपी और बीजेपी के गठबंधन की परवाह नहीं करते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने अब भाजपा की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. हनुमान बेनीवाल की ओर से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भी कटाक्ष किया गया. बेनीवाल ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर संवेदनशीलता के साथ विपक्ष की भूमिका में उनका दायित्व है, उसको भुलाकर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राजे और कुछ भाजपा नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में औपचारिक अभिवादन के अलावा कुछ नहीं कर रहे और जनता के मुद्दों को उठाने से कोसों दूर हैं. हनुमान बेनीवाल ने आगे बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में परिवहन घोटाले सहित कई मामलों पर भाजपा नेताओं की चुप्पी साधे रखना वसुंधरा राजे सहित कई भाजपा नेताओं का कांग्रेस के साथ आंशिक गठबंधन दर्शाता है.
वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और जोधपुर जिले के भोपालगढ़ विधानसभा से विधायक पुखराज गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री जनहित के मुद्दों को लेकर संवेदनहीन हो गए है वहीं खुद के गृह जिले एवं निर्वाचन क्षेत्र में कोरोना रोकने को लेकर कोई प्रभावी एक्शन प्लान नहीं बना पाए है. सीएम गहलोत जन प्रतिनिधियों की मांगों को अनदेखा कर रहे है इसलिए पार्टी ने सीएम की वीसी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
इसके साथ ही रालोपा के खिंवसर विधायक नारायण बेनीवाल और मेडता विधायक इंदिरा देवी बावरी ने कहा कि कोरोना त्रासदी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार जनप्रतिनिधियों के सुझावों को दरकिनार करके धरातल की हकीकत को बिना समझे कुछ अधिकारियों के फीडबैक के आधार पर निर्णय ले लेते हैं जो उनकी प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है. ऐसे में केवल झूठी औपचारिकता करने के लिए उनके द्वारा प्रदेश के विधायकों व सांसदों के साथ की जा रही वीसी का हमारी पार्टी बहिष्कार करती है.