Azam Khan/UttarPradesh. पिछले महीने की 28 अक्टूबर को तीन साल पुराने हेट स्पीच मामले में आरोपित समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान को बुधवार को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 15 नवंबर तक के लिए रोक लगा दी है. दरअसल MP-MLA कोर्ट ने तीन साल पुराने हेट स्पीक मामले में आजम खान को आरोपी माना था और उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने आजम खान की विधासनभा सदस्य्ता रद्द कर दी थी. यही नहीं उसके कुछ ही दिन बाद 5 नवंबर को चुनाव आयोग ने रामपुर विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का भी एलान कर दिया गया. वहीं आजम की पैरवी कर रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं वकील पी चिदंबरम ने बीजेपी नेता को मिली दो साल की सजा के बावजूद उसकी विधायकी रद्द ना होने का भी कोर्ट में हवाला दिया. इसे लेकर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि, ‘क्या चुनाव आयोग थोड़ा इंतजार नहीं कर सकता था. कोर्ट के अनुसार आजम खान को एक और मौका मिलना ही चाहिए.’
सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खान के अपनी विधायकी रद्द किये जाने के खिलाफ लगाई गई याचिका पर आज सुनवाई करते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 15 नवंबर तक आजम खान की गिरफ्तार पर तो रोक लगा ही दी है. साथ ही रामपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग को 11 नवंबर के बाद नोटीफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए हैं. मिली जानकारी के अनुसार अगर सबकुछ सही रहा और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आजम खान के पक्ष में आया तो फिर उनकी विधायकी बच सकती है. यही नहीं अगर विधायकी चली भी जाती है गिरफ्तारी पर रोक बरक़रार रहती है तो वे रामपुर विधानसभा उपचुनाव में एक बार फिर अपनी किस्मत आजमा सकते हैं.
आजम खान की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिग्गज वकील पी. चिदंबरम ने सुप्रीम कूट में अपना पक्ष रखा. पी चिदंबरम ने कहा कि, ‘पिछले महीने की 27 तारीख को मेरे मुवक्किल को सजा हुई और उसके अगले ही दिन उनकी विधानसभा सदस्य्ता को रद्द कर दिया गया. मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी विधायक विक्रम सैनी को भी 11 अक्टूबर को दोषी ठहराया गया था और दो साल की सजा दी गई थी, लेकिन उनकी अयोग्यता को लेकरअब तक कोई फैसला नहीं किया गया. मेरे मुवक्किल के मामले में सरकार ने तेजी से कदम उठाया है. यही नहीं हमें तो अपील करने तक का समय नहीं दिया गया. हमें अपील करने का समय मिलना चाहिए.’
पी चिदंबरम द्वारा अपनी दलीलें रखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जमकर फटकार लगाई. नवनियुक्त सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, ‘क्या चुनाव आयोग कुछ समय इंतजार नहीं कर सकता था. आजम खान को एक मौका मिलना चाहिए.’ इस दौरान चुनाव आयोग से सवाल पूछते हुए सीजेआई ने कहा कि, ‘क्या वो हर एक केस में ऐसा ही करेगा?’ सुप्रीम कोर्ट की तल्ख़ टिप्पणी के बाद चुनाव आयोग के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, कि चुनाव आयोग आश्वस्त करे कि गजट नोटिफिकेशन 72 घंटे तक न जारी हो. साथ ही 15 नवंबर तक आजम खान की गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी.
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बता दें कि हेट स्पीच मामले में सपा विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान को दोषी करार देते हुए MP/MLA कोर्ट ने 27 अक्टूबर को 3 साल की सजा सुनाई थी. यही नहीं कोर्ट ने उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. 3 साल की सजा होने के बाद अगले ही दिन विधानसभा अध्यक्ष ने आजम खान की विधायकी रद्द कर दी. वहीं जब पत्रकारों ने आजम खान से इस मामले में कुछ सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि, ‘मैं बहुत कुछ झेल चुका हूं और फिर भी दो पैरों पर चल रहा हूं. देखते हैं आगे क्या होगा? आज जो फैसला आया है उसके बाद मैं इंसाफ का कायल हो गया हूं.’ वहीं आजम खान की विधायकी जाने के बाद चुनाव आयोग ने रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का भी एलान कर दिया है. 5 दिसंबर को रामपुर विधानसभा सीट के लिए मतदान होगा तो वहीं 8 दिसंबर को चुनावी नतीजे सामने आएंगे.