अयोध्या (Ayodhya Case) की राम जन्मभूमि (Ram JanamBhumi) और बाबरी मस्जिद (Babari Masjid) के विवादित जमीन मामले में 22वें दिन की सुनवाई केवल मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन (Rajeev Dhawan) को मिली धमकी पर डिस्क्शन में ही पूरी हो गयी. धवन ने बताया कि उन्हें फेसबुक पर केस न लड़ने की धमकी मिल रही है. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिम और सुन्नी वक्फ बोर्ड पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा, ‘लोग मुझे सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की तरफ से न लड़ने के लिए कह रहे हैं. मुझे सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है और न मैं किसी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करना चाहता हूं, लेकिन सुनवाई के लिए यह सही माहौल नहीं है और इससे काम में बाधा पहुंचती है.’

अधिवक्ता को धमकी मिलने की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता ज़ाहिर की. सीजेआई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि इस तरह की घटना निंदनीय है. सुनवाई शुरु होते ही वरिष्ठ वकील धवन ने कहा था कि इस मामले में वकील बनने के कारण उन्हें फेसबुक पर धमकी मिल रही है. इससे पहले उनके क्लर्क के साथ भी अदालत परिसर में मारपीट की गई थी. इस पर पांच सदस्यीय बेंच की अध्यक्षता कर रहे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि इस घटना की निंदा की जानी चाहिए और ऐसे कृत्य नहीं होने चाहिए.

सुनवाई के दौरान ही वकील धवन ने अदालत में राम मंदिर पर उत्तर प्रदेश के मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के बयान के बारे में भी अदालत को बताया. वर्मा ने हाल में दावा किया था कि देश में राम मंदिर बनेगा क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है और न्यायपालिका से लेकर प्रशासन तक बीजेपी का है. इससे पहले राजीव धवन चेन्नई के 88 वर्षीय प्रोफेसर एन.शनमुगम के खिलाफ धमकाने और अवमानना की याचिका दाखिल करा चुके हैं.

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अयोध्या विवाद की सुनवाई कर रही बेंच में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के अतिरिक्त एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए. नजीर शामिल हैं.

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