अयोध्या (Ayodhya) राम जन्मभूमि (Ram Jamanbhumi) और बाबरी मस्जिद विवादित जमीन मामले में एक नया मोड तब आया जब मुस्लिम पक्ष के वकील ने हिंदू पक्षकारों और हिंदू धर्मावलंबियों से भगवान राम की जन्मस्थली पूछी. सर्वोच्य न्यायालय में सोमवार को हुई अयोध्या मामले की 29वें दिन की सुनवाई में सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन (Rajiv Dhawan) ने अपनी तीखी दलीलें जारी रखते हुए कहा कि हम राम का सम्मान करते हैं, उनके जन्मस्थान का भी सम्मान करते हैं. इस देश में राम और अल्लाह का सम्मान नहीं होगा तो देश ही खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि विवाद तो राम के जन्मस्थान को लेकर है कि वह है कहां?

सीजेआई रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi), न्यायमूर्ति एस.ए.बोबडत्रे, न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस.अब्दुल नजीर की 5 सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष धवन ने कहा कि जैसा कि हिंदू पक्ष दावा करते हैं, उस हिसाब से पूरी विवादित जमीन जन्मस्थान नहीं हो सकती. कुछ तो निश्चित स्थान होगा. पूरा स्थान जन्मस्थान नहीं हो सकता. वरिष्ठ अधिवक्ता ने इस मुद्दे पर हिंदू पक्ष द्वारा परिक्रमा के संबंध में गवाहों द्वारा दी गई गवाहियां उसके समझ रखते हुए कहा कि हिंदू पक्ष के गवाहों की गवाही पढ़ते हुए बताया कि परिक्रमा के बारे में सभी गवाहों ने अलग-अलग बात कही है. उनके से कुछ ने कहा कि राम चबूतरे की परिक्रमा होती थी. वहीं अन्य ने कहा कि दक्षिण में परिक्रमा होती थी.

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि 1528 में मस्जिद बनाई गयी और 1949 तक तक वहां लगातार नमाज अता दी गयी. वहां तब तक अंदर कोई मूर्ति या फोटो नहीं रही. उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों के फैसलों के अंश के हवाले से मुस्लिम पक्ष के कब्जे की बात भी कही. अगली सुनवाई मंगलवार को सुबह 10 बजे होगी.

पिछली सुनवाई के लिए पढ़ें यहां

याद दिला दें, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राम मंदिर (Ram Mandir), बाबरी मंदिर और निर्मोही अखाड़ा के भूमि पर कब्जे के मामले में एक बड़ा अहम फैसला लेते हुए इस मामले की अंतिम सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर तक डेड लाइन तय की है. CJI रंजन गोगोई ने ये भी कहा कि सुनवाई की डेडलाइन के बाद निर्णय लिखने में 4 हफ्तों का वक्त लगेगा. ऐसे में कयास चल रहे हैं कि इस मामले में अंतिम फैसला नवंबर में आ सकता है.

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