दिल्ली की नई शराब नीति के चलते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी ईडी की गिरफ्त में आ चुके हैं. इससे पहले मनीष सिसोदिया एवं संजय सिंह भी ईडी के हत्थे चढ़ चुके हैं और अभी तक सलाखों के पीछे हैं. अब केजरीवाल की गिरफ्तारी के बार सबसे बड़ा सवाल है कि दिल्ली की सरकार कैसे चलेगी? क्या केजरीवाल मुख्यमंत्री पद पर रह सकते हैं? इसके अलावा, सबसे बड़ी चिंता ये है कि अब आम आदमी पार्टी का क्या होगा? कौन राजनीति से जुड़े फैसले लेगा क्योंकि पार्टी के तीन सबसे बड़े नेता जेल में बंद हैं. खैर, कोई बात नहीं, पॉलिटॉक्स न्यूज इन सभी सवालों का जवाब लेकर आया है. वो ये है कि आप नेता और दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना अब केजरीवाल सरकार को चलाएंगी.
वैसे देखा जाए तो गिरफ्तारी के बाद सीएम अपने पद से इस्तीफा दे, ऐसा कोई नियम नहीं है. हालांकि अभी तक जितने भी सीएम गिरफ्तार होकर जेल गए, उन्होंने अपने पीछे से कोई अन्य दूसरा मुख्यमंत्री सीट पर बिठाया है. तत्कालीन बिहार सीएम लालू यादव जब चारा घोटाले में जेल गए तो उन्होंने राबड़ी देवी को सीएम बनाया. झारखंड सीएम हेमंत सोरेन जब गिरफ्तार हुए तो चंपई सोरेन शासन की बागड़ौर संभाल रहे हैं. केजरीवाल ऐसा नहीं कर रहे लेकिन शासन का सारा कार्यभार वर्तमान सरकार में एजुकेशन मिनिस्टर आतिशी का संभालना तय है. बाकी सरकार जेल से अरविंद केजरीवाल चलाने के लिए तैयार हैं. हालांकि इस बात की अधिकारिक जानकारी 28 मार्च को केजरीवाल पर कोर्ट के आगामी फैसले पर निर्भर करेगा.
अंदरखेमे की जानकारी के मुताबिक, केजरीवाल को एहसास था कि ईडी उनकी गिरफ्तार करेगी. ऐसे में उन्होंने पहले से प्लान-बी तैयार कर लिया था. अगर इस्तीफा देने की नौबत आई तो आतिशी दिल्ली की सरकार चलाएंगी. डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद उनके विभाग आतिशी को ही दिए गए थे. दूसरी तरफ, आतिशी पार्टी की एक सीनियर नेता हैं और विपक्ष पर प्रतिवार करने में उनके समकक्ष कोई भी फिलहाल नहीं है. संजय सिंह यह भूमिका निभा सकते थे लेकिन वे भी जेल में हैं. ऐसे में आतिशी पर केजरीवाल आंख मूंद कर भरोसा कर सकते हैं. जानकारों की मानें तो केजरीवाल सीएम बने रहेंगे और आतिशी बाहर शासन का कार्यभार संभाले रखेंगी.
शराब नीति बनी गले की फांस
दरअसल 22 मार्च 2021 को तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की नई शराब नीति का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इससे माफिया राज समाप्त होगा और सरकारी खजाना बढ़ेगा. इसके तहत 60 प्रतिशत दुकाने सरकारी और 40 फीसदी प्राइवेट थीं. 17 नवंबर को यह नीति अमल में लायी गयी जिससे ये बिजनेस सरकार से बाहर होकर निजी हाथों में आ गया. इस नीति का विपक्ष ने विरोध किया तो 28 जुलाई 2022 को इसे रद्द कर पुरानी नीति लागू कर दी गयी. बाद में 22 अगस्त को ईडी ने सीबीआई से संज्ञान लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर दिया और मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया गया. 26 फरवरी 2023 को सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया. 4 अक्टूबर को राज्यसभा सांसद संजय सिंह और अब 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई.
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केजरीवाल शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार होने वाले 32वें आरोपी हैं. ईडी का दावा है कि नई शराब नीति से केवल 8 महीनों में 2873 करोड़ का घाटा हुआ है. आरोप ये भी है कि दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए 136 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस माफ की गयी थी और इसके ऐवज में 100 करोड़ रुपए लिए गए थे. ईडी का ये दावा भी है कि इसमें बीआरएस नेता कविता भी शामिल थी. हालांकि ईडी अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाया है और न ही आरोप साबित करने में सफल हुआ है. केवल आरोपों के बिनाह पर गिरफ्तारी की जा रही है जिसका विरोध आम आदमी पार्टी कर रही है.
इसी मामले में शनिवार सुबह पार्टी के मटियाला से विधायक गुलाब सिंह यादव के घर भी ईडी ने रेड डाली है. अब तक के घटनाक्रम को देखें तो उनका भी जेल जाना तय लग रहा है. पार्टी के मुख्य नेताओं के अंदर होने के चलते आने वाले समय में आने वाले समय में अन्य आप नेताओं पर छापे की कार्रवाई की जा सकती है.