ashok gehlot vs gajendra singh shekhawat
ashok gehlot vs gajendra singh shekhawat

RajasthanUpdates. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के प्रस्ताव पास करने को लेकर दिए बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि गहलोत ने विगत साढ़े चार साल में अपनी कुर्सी बचाने के अलावा किसी भी बात को सीरियस नहीं लिया. महाराणा प्रताप समारोह समितिए जयपुर के महाराणा प्रताप जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम गहलोत को अपनी विफलताओं का ठीकरा दूसरों पर थोपने के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बिठाया है.  राजस्थान की आठ करोड़ जनता भ्रष्टाचार से त्रस्त है, उन्हें इसे सीरियसली लेना चाहिए.

आगे केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि गहलोत मुझे या भारतीय जनता पार्टी को सीरियसली ले या नहीं लें, लेकिन प्रदेश की जनता जो भ्रष्टाचार से त्रस्त है, उसे तो सीरियसली लेना चाहिए. बीजेपी सांसद ने कहा कि गहलोत की तुष्टीकरण की नीति के कारण  जयपुर के किशनपोल सहित राज्य के अन्य स्थानों से लोग पलायन को मजबूर हैं. राज्य की वीरांगनाओं का अपमान हो रहा है, माफिया राज पनप रहा है, महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है. इन सबके अलावा भी बहुत सारे विषय हैं, जिनको मुख्यमंत्री को  सीरियसली लेने की जरूरत है.

केन्द्रीय मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि गहलोत साहब राज्य की जनता से जुड़े मुद्दों को सीरियसली लेने के बजाय गजेन्द्र सिंह को ही सीरियसली ले रहे हैं. वे बार-बार संजीवनी सोसायटी का नाम ले रहे हैं लेकिन इससे भी बड़ा घोटाला आदर्श क्रेडिट कॉऑपरेटिव सोसायटी में हुआ है. 20 लाख उसके निवेशक हैं. ऐसी ही 14 अन्य सोसायटियां हैं. सीएम गहलोत को उनके निवेशकों को भी सीरियसली लेना चाहिए. इन सभी बातों को सीरियसली लेने की उनकी पिक एंड चूज विधा ही गहलोत की जादूगरी है.

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केंद्रीय मंत्री शेखावत ने अपनी जुबानी वार को अधिक तीखा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने साढ़े चार साल किसी और चीज को सीरियसली नहीं लिया सिवाय कुर्सी बचाने के उपक्रम के. बीजेपी सांसद ने कहा कि यदि उन्होंने राजस्थान को सीरियसली लिया होता. लॉ एंड ऑर्डर को सीरियसली लिया होता, राजस्थान में भ्रष्टाचार को बढ़ने से रोका होता तो आज उनकी यह कहने की मजबूरी और मायूसी नहीं होती कि राजस्थान की पुलिस बजरी पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में देरी के कारण भ्रष्ट हो गई. केन्द्रीय मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान की जनता ने अशोक गहलोत को इसलिए कुर्सी पर नहीं बिठाया कि वे अपनी विफलताओं का ठीकरा राजस्थान की जनता, बीजेपी और कभी सुप्रीम कोर्ट पर थोपें.

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