पॉलिटॉक्स ब्यूरो. एक अंग्रेजी मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में ‘मुझे मेरी मस्जिद वापिस चाहिए’ वाले बयान पर हैदराबाद के AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) फंसते दिख रहे हैं. उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख ओवैसी (AIMIM-Owaisi) पर तीखा हमला बोला है. यहां तक दोनों ने ओवैसी की तुलना आतंकी बगदादी और जाकिर नाइक से कर दी. वहीं साक्षी महाराज ने उन्हें गद्दारी बताया. ओवैसी ने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असंतोष व्यक्त किया है.
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने ओवैसी (AIMIM-Owaisi) पर तीखा हमला किया है और उनकी तुलना आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के मारे जा चुके सरगना अबू बक्र-अल बगदादी से की. रिजवी ने ओवैसी पर अपने भाषणों के जरिए मुसलमानों को आतंक और खूनखराबे के कामों की ओर धकेलने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘आज अबू बक्र-अल बगदादी और असदुद्दीन ओवैसी के बीच कोई फर्क नहीं है. बगदादी के पास एक सेना और हथियार और गोला-बारूद था जिसे वह आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल करता था. ओवैसी अपनी ‘जुबान’ के जरिए आतंक पैदा कर रहे हैं’. रिजवी ने ओवैसी और मुसिलम पर्सनल लॉ बोर्ड पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा कि इन दोनों पर प्रतिबंध लगाने का ये सही समय है.
वहीं मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने ओवैसी (AIMIM-Owaisi) पर पलटवार करते हुए उन्हें दूसरा जाकिर नाइक बताया. बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि असदुद्दीन ओवैसी दूसरे जाकिर नाइक बन रहे हैं. यदि वह आवश्यकता से अधिक बोलते हैं तो हमारे देश में कानून-व्यवस्था है.
इसी तरह उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने भी ओवैसी को बातों ही बातों में गद्दार बताया. साक्षी महाराज ने कहा कि ओवैसी को गद्दारी की बातें नहीं करना चाहिए. वे तो अयोध्या मामले पर निर्णय आने से पहले कहते थे कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानेंगे. कोई भी टीका टिप्पणी करना यह माननीय सुप्रीम कोर्ट अपमान है. साक्षी महाराज ने कहा कि कानून को कोई अपने हाथ में नहीं ले सकता और अगर किसी ने भी हिंदुस्तान में कानून अपने हाथ में लेने का काम किया तो फिर कानून अपना काम करेगा.
ओवैसी (AIMIM-Owaisi) द्वारा 5 एकड़ जमीन दिए जाने को खैरात बताने वाले बयान पर भी साक्षी महाराज ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है, उस आदेश में किसी को हस्तक्षेप करना, टीका टिप्पणी करना या खैरात जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में 35 साल पुराने केस का फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन राम मंदिर के लिए रामलला न्यास को सौंपने के आदेश दिए हैं. उसके लिए एक ट्रस्ट बनाने का भी आदेश दिया. वहीं मस्जिद के लिए केंद्र और राज्य सरकार को अन्यत्र 5 एकत्र जमीन देने के निर्देश दिए. सर्वोच्य न्यायालय के फैसले के बाद ओवैसी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि हमें खैरात नहीं चाहिए. हिंदूस्तान का मुसलमान आसानी से ये जमीन खरीद सकता है.