delhi politics
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दिल्ली विधानसभा चुनाव अब करीब है. नए साल में चुनाव आयोग कभी भी चुनावों की तारीखों का ऐलान कर सकता है. इसी कड़ी में बयानबाजी के साथ साथ राजनीति को धार्मिक सियासी रंग चढ़ना भी शुरू हो गया है. बीते दिन आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि यदि राज्य में उनकी सरकार बनी तो पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने 18 हजार रुपए सम्मान राशि दी जाएगी. इस पर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर जोरदार हमला किया है. बीजेपी ने कहा है कि जब नैया डूबने लगती है तो राम नाम अपने आप जुबान पर आ जाता है.अरविंद केजरीवाल अब राम नाम जपने लगे हैं.

बीजेपी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2013 से मौलवियों को वेतन देना शुरू किया और अब तक 58 करोड़ 30 लाख 90 हजार रुपए दे चुकी है. अब तक अरविंद केजरीवाल को पंडितों और ग्रंथियों की याद क्यों नहीं आई, अब जमीन खिसकी तो राम-राम करने लगे. सचदेवा ने कहा, ‘मंदिर के पुजारियों, ग्रंथियों को वेतन मिले, इसके लिए पिछले दो साल से भाजपा लगातार दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर दबाव बना रही थी.

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बीजेपी नेता ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने उसके लिए धरने प्रदर्शन भी किए. 2022 में हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई. कोर्ट ने आप सरकार से मौलवियों को दिए जा रहे वेतन को लेकर नीति पूछी. उसके बाद बीजेपी की लीगल सेल ने मार्च 2024 में अलग से एक याचिका डाली और सवाल उठाया कि सिर्फ मौलवियों को क्यों वेतन दिया जा रहा है. 21 तारीख को इसकी सुनवाई होनी है और सरकार को जवाब देना है कि सिर्फ मौलवियों को वेतन क्यों दिया, पुजारियों और ग्रंथियों को क्यों नहीं.

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने दावा किया है कि आप सरकार ने 2013 से मौलवियों को वेतना देना शुरू किया. अब तक 58 करोड़, 30 लाख, 90 हजार रुपए दिए जा चुके हैं. उन्हें 2013 से 2024 तक पंडितों और ग्रंथियों की याद क्यों नहीं आई. सचदेवा ने ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ने राम मंदिर का विरोध भी किया था. फिलहाल अरविंद केजरीवाल या आम आदमी पार्टी की ओर से इस संबंध में कोई बयान अभी तक सामने नहीं आया है.

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