ऑपरेशन सिंदूर के बाद उपजे भारत-पाकिस्तान तनाव और उसके राजनीतिक असर के बीच कांग्रेस के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी न केवल इस मुद्दे को जनता के बीच भुनाने का प्रयास कर रही है, बल्कि कांग्रेस की राष्ट्रवाद पर कथित कमजोरी को मुद्दा बना रही है. एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान पर कार्रवाई की सफलता को अपने भाषणों में प्रमुखता से उभार रहे हैं, वहीं बीजेपी प्रवक्ता और नेता कांग्रेस पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं. जिस तरह से कांग्रेस के नेता अपने तीखे बयान दे रहे हैं और ऑपरेशन की सफलता पर सवाल उठा रहे हैं, उसके चलते कांग्रेस बैकफुट पर भी दिख रही है. यही वजह है कि बीजेपी ने कांग्रेस नेताओं के विदेशी दौरों और उनके बयानों का हवाला देते हुए कांग्रेस की नीयत पर शक जताया है.
इन आरोप प्रत्यारोपों की शुरूआत की कांग्रेस सांसद एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने, जिन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एक बयान पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था ‘पाकिस्तान को पहले से जानकारी थी’. राहुल ने पूछा कि क्या इससे भारतीय वायुसेना को नुकसान हुआ? कांग्रेस प्रवक्ताओं ने इसे मुद्दा बनाते हुए जयशंकर को मुखबिर तक कह दिया. विदेश मंत्रालय ने सफाई दी कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.
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ऑपरेशन सिंदूर पर दुनियाभर में अपना पक्ष रखने के लिए बनाए गए सर्व दल प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए गए कांग्रेस सांसद शशि थरूर की ओर से विदेशों में भारत सरकार के रुख के समर्थन में दिए गए बयानों ने भी कांग्रेस के भीतर बेचैनी बढ़ा दी है. पार्टी प्रवक्ताओं ने तो थरूर को बीजेपी का ‘सुपर स्पोक्सपर्सन’ तक बना दिया. कांग्रेस के अन्य कुछ वरिष्ठ नेता भी इन डेलीगेशन में शामिल हैं, जो सरकार की प्रतिक्रिया का दिल खोलकर समर्थन कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस के नेता जिस तरह से उनपर भी आरोप जड़ रहे हैं, यहां से पार्टी की छवि जनता में भी ‘खलनायक’ वाली बनती जा रही है.
इस पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर पाकिस्तान को ऑक्सीजन देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हाफिज सईद ने एक बार राहुल गांधी की तारीफ की थी और अब वजह साफ है. वहीं केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कांग्रेस से पूछा, ‘क्या कांग्रेस चाहती है कि भारतीय सांसद विदेश जाकर अपने ही प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलें?’
सर्व विदित है कि सबसे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ही पहलगाम की घटना के बाद भारत की ओर से पाक को मुंह तोड़ देने के लिए केंद्र सरकार का समर्थन किया था. मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए इसका जवाब दिया. उसके बाद कांग्रेस की ओर से जो सवाल किए जा रहे हैं, जो तीखे बयान दिए जा रहे हैं, वो थोड़ा बैचेन करने वाले हैं. आगामी वक्त में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और बीजेपी ऑपरेशन सिंदूर के साथ कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने वाली है. अब देखना ये होगा कि उस समय पर कांग्रेस किस तरह से इस मुद्दे पर अपना पक्ष रख पाती है.



























