Politalks.News/Maharashtra. देश के दो प्रमुख मुद्दों किसान आंदोलन और बंगाल चुनाव के बीच बीजेपी के चाणक्य और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर सबका ध्यान महाराष्ट्र में सवा साल पहले बनी महाविकास अघाड़ी सरकार की और आकर्षित कर दिया या यूं कह लें कि महाराष्ट्र में बनी बनाई सरकार के हाथ से निकल जाने का गम अभी तक अमित शाह भूल नहीं पाए हैं. अमित शाह ने रविवार को कोंकण की लाल मिट्टी से महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर अपनी भड़ास निकालते हु कहा कि मैं लोगों को बताना चाहता हूं, कि जो जनादेश लोगों ने दिया, उद्धव सरकार उसका अपमान कर रही है. जो लोग कहते हैं कि हमने अपना वादा तोड़ा है, तो हमें ध्यान देना चाहिये कि बिहार चुनाव के बाद सीएम का पद नीतीश कुमार को मिला, क्यों कि वहाँ हमने पहले वादा कर दिया था और ये हमारे वादे का एक उदाहरण है
तीन पहियों वाली ऑटोरिक्शा सरकार हर मोर्चे पर है विफल
गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे द्वारा बनाए गए 150 सीट के मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया. इस उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए अमित शाह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ललकारते हुए चेतावनी और कहा, ‘हम आपके रास्ते पर नहीं चलेंगे, महाराष्ट्र में जब भाजपा की सरकार थी, तब हमने ऐसा किया होता तो आज शिवसेना का अस्तित्व नहीं होता.’ अमित शाह ने आगे कहा कि, ‘महाराष्ट्र में तीन पहिये की सरकार चल रही है. खास बात ये है कि तीनों ही पहिये अलग-अलग दिशाओं में चल रहे हैं.’ महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से विफल है. महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार न बन पाने का गम साझा करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि, ‘यह जनता के जनादेश को धोखा देकर बनाया गया एक अपवित्र गठबंधन है, जबकि जनादेश देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली बीजेपी-शिवसेना (गठबंधन) सरकार के लिए था.
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मैं बंद कमरों में वादे नहीं करता, मैं जो भी करता हूं, खुले तौर पर करता हूं- शाह
अमित शाह ने आरोप लगाया कि यह महाविकास अघाड़ी गठबंधन (एमवीए) सत्ता के लोभ में बनाया गया गया. इस दौरान अमित शाह ने यह दावा किया कि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री का पद साझा किए जाने को लेकर कोई वादा नहीं किया गया था. आपको बता दें, 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना ने अपनी लंबे समय की सहयोगी बीजेपी से नाता तोड़ लिया था. ठाकरे ने तब दावा किया था कि अमित शाह ने उनसे इसका वादा किया था. हालांकि, अमित शाह ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना से कोई वादा नहीं किया गया था. शाह ने कहा कि मैं बंद कमरों में वादे नहीं करता, मैं जो भी करता हूं, खुले तौर पर करता हूं … मैं बंद कमरों में राजनीति नहीं करता.
हम जो कहते हैं वहीं करते हैं- शाह
हाल ही में हुए बिहार चुनाव का उदाहरण देते हुए अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी अपने वादों का सम्मान करती है, हम सफेद झूठ नहीं बोलते. हम वचन का सम्मान करने वाले लोग हैं. बिहार में, हमने कहा था कि अगर राजग को अधिक सीटें मिलती हैं, फिर भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे. शाह ने कहा कि बीजेपी को जद (यू) से अधिक सीटें मिलीं और नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए, लेकिन, हमने कहा कि बीजेपी ने पहले ही यह कह दिया है कि वह (नीतीश कुमार) ही मुख्यमंत्री बनेंगे.
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बालासाहेब के सभी आदर्शों को तापी नदी में फेंक दिया – शाह
उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना अध्यक्ष ने उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चुनावी रैलियां कीं. शाह ने कहा कि हमने फडणवीस के नेतृत्व वाली बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के लिए वोट मांगा, आपने उस समय यह क्यों नहीं बोला? आपने मोदीजी के नाम पर वोट क्यों लिया? शाह ने कहा कि सत्ता के लोभ में, बालासाहेब के सभी आदर्शों को तापी नदी में फेंक दिया गया.
मोदी की अगुवाई में कोरोना से प्रभावी ढंग से निपटा देश
मोदी सरकार के कामों की तारीफ करते हुए अमित शाह ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दो साल में राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा. शाह ने कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि हर किसी को संदेह था कि एक बड़ी आबादी और कमजोर स्वास्थ्य ढांचे वाला देश महामारी से कैसे निपटेगा, लेकिन सही समय पर प्रभावी कदम उठाए गए. अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से निपटा है, जिसे दुनिया एक ”मॉडल” के रूप में मान रही है.