Politalks.News/UttarPradesh. जैसे-जैसे उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे ही सूबे की सियासी सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं. कुछ तो राजनीतिक दलों की बयानबाजी के कारण तो कुछ दलों की सियासी उधेड़बुन के कारण. आज देश की राजनीति में यह आम हो चला है कि किसी भी राज्य में किसी भी तरह का कोई चुनाव होता है तो एक पार्टी के नेता दूसरी पार्टी की नाव में सवार हो जाते हैं. खैर ये तो उनका निजी फैसला है लेकिन नेताओं के दल बदलने के कारण जनता कश्मकश में पड़ जाती है कि आखिर वह अपना वोट किसे दे. ऐसा ही एक नजारा चुनाव से पहले लखनऊ में देखने को मिला. विधानसभा चुनाव से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी और बसपा को तगड़ा झटका दिया है. बसपा के 6 और बीजेपी के एक विधायक ने आज अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा की सदस्यता ली है. इस दौरान सपा मुख्यालय पर एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने योगी सरकार सहित अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा.
सियासी जानकारों का कहना है कि आज अखिलेश यादव ने आज अगले चुनाव का सबसे बड़ा दांव चला है. सिटिंग विधायकों को सपा में शामिल करवा कर यादव ने बसपा और भाजपा को बड़ा झटका दिया है. साल 2014 के बाद आमतौर पर देखा जाता था कि जिस राज्य में चुनाव होने होते हैं भाजपा सबसे पहले विरोधी दलों के बड़े नेताओं को तोड़ने की कवायद करती है. वहीं इस बार भाजपा की नीति पर चलते हुए अखिलेश ने बड़ा दांव खेला है. वैसे पूर्वांचल में राजभर की सुभासपा और पश्चिमी यूपी में महान दल के साथ गठबंधन कर अखिलेश अपनी किलेबंदी पहले ही मजबूत कर चुके हैं. वहीं एक के बाद एक बसपा नेताओं के सपा में शामिल होने के बाद बसपा प्रमुख मायावती तिलमिलाई बैठी है. हालांकि एक साथ बसपा के 6 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने पर मायावती का कोई बयान सामने नहीं आया है.
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वहीं, सपा कार्यालय पर अखिलेश यादव की मौजूदगी में बसपा से सपा में शामिल होने वाले विधायकों में हाजी मुजतबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, सुषमा पटेल, असलम चौधरी, हरगोविंद भार्गव और असलम राईनी और सीतापुर से बीजेपी विधायक राकेश राठौर शामिल हैं. इस दौरान अखिलेश यादव ने बीजेपी के मैनिफेस्टो की एक कॉपी को अपने साथ रख बीजेपी सहित अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘आज प्रदेश की जनता इतनी दुखी है कि आने वाले चुनाव में बीजेपी का सफाया होगा.आगामी चुनाव में बीजेपी परिवार भागता परिवार दिखाई देगा’.
वहीं बसपा और बीजेपी नेताओं की सपा में एंट्री को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘ये तो बस शुरुआत भर है, आगे-आगे देखिये क्या होता है. ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो सपा के साथ आना चाहते हैं और आने वाले दिनों में इसकी तस्वीर और भी ज्यादा स्पष्ट हो जाएगी. वहीं योगी सरकार द्वारा मैनिफेस्टो के अधिकतम वादे पूरे करने वाले दावे को अखिलेश यादव ने खोखला बताया. अखिलेश ने कहा कि, ‘बीजेपी ने दावा किया कि लोक कल्याण पत्र की 90 फीसदी बातें पूरी की, लेकिन असल मे उन्होंने 2017 के बाद इसका पन्ना तक नहीं पलटा. लेकिन बीजेपी पन्ना प्रमुख बहुत बनाती है’. अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘बीजेपी ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का विस्तृत रोडमैप तैयार किया जाएगा, उनकी आमदनी भी दोगुनी होगी लेकिन किसान जानना चाहता है कि आमदनी कब दोगुनी होगी’.
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अखिलेश ने आगे बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘योगी सरकार ने जो वादे किए थे उनमें से एक भी वादा उन्होंने पूरा नहीं किया. सरकार एमएसपी पर खरीद नहीं कर रही है, चीनी मिलों में किसानों का पैसा बकाया है, जो मंडी चल रही थी उनमें काम नहीं हो रहा है. जो पहले से चल रही थी उसको सरकार ने बंद कर दिया है, तो ऐसे कैसे सरकार काम कर रही है’. अखिलेश यादव ने आगे कहा कि,’जो काम समाजवादी पार्टी की सरकार में हुआ था उसको भी योगी सरकार आगे नहीं ले जा पाई’. यूपी मेट्रो का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि,’उत्तर प्रदेश में मेट्रो का काम जो हो रहा है वो भी हमारी सरकार के समय से चल रहा था. अरे भाई बीजेपी तो बस ये बताए कि उनकी तरफ से कौन सा काम उनकी सरकार कर रही है’.
अखिलेश यादव ने कहा कि,’दीपवाली का त्योंहार आ रहा है. ऐसे में मुझे पुरे उम्मीद है कि दीपावली पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीएम कार्यालय को साफ सुधरा कर देंगे. क्योंकि ये तो उन्हें भी अच्छे से पता है कि विधानसभा चुनाव के बाद वो वहां नहीं जाने वाले’. अखिलेश यादव ने कहा कि,’आज जनता में इतना आक्रोश है कि आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का सफाया होगा और मैं यह साफ़ कह दूं कि आने वाले दिनों में भाजपा परिवार भागता परिवार ही दिखाई देगा’. तो वहीं कांग्रेस से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि,’कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक जैसे हैं. क्योंकि जो कांग्रेस है वही बीजेपी है और जो बीजेपी है वही कांग्रेस है’.