बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने अपने बाद पार्टी का उत्तराधिकारी का ऐलान कर दिया है. अब मायावती के बाद पार्टी की कमान आकाश आनंद के हाथों में होगी. आकाश आनंद बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे हैं. पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने भतीजे को आगे किया है. आकाश फिलहाल पार्टी के नेशनल कॉ-ऑर्डिनेटर हैं. आकाश, मायावती के सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं और सार्वजनिक तौर पर मायावती के साथ आकाश पहली बार 2017 में सहारनपुर में नजर आए थे.
बीते दिवस करीब डेढ़ घंटे लखनऊ के पार्टी कार्यालय हुई बैठक में चली पार्टी मीटिंग के बाद मायावती ने आकाश के हाथों में अपने बाद पार्टी की इस फैसले का ऐलान किया. इसी के तहत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़ अन्य सभी 26 राज्यों में पार्टी की जिम्मेदारी आकाश आनंद देखेंगे. उक्त दोनों राज्यों में पार्टी की कमान मायावती के हाथों में ही रहेगी. इस मीटिंग में पार्टी के 28 राज्यों के पदाधिकारी मौजूद थे. आकाश और मायावती दोनों एक ही गाड़ी में पार्टी कार्यालय आए थे.
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आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है. आकाश की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से इसी साल मार्च में हुई थी. आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ की गिनती मायावती के भरोसेमंद नेताओं में होती है. गौरतलब है कि मायावती ने हाल ही में चार राज्यों में हुए चुनाव की कमान भी आकाश को सौंपी थी. इसी से यह तय माना जा रहा था कि आकाश पार्टी में नंबर-2 हैं. इसके अलावा, मायावती राजनीति तौर पर खुद ज्यादा एक्टिव न होकर आकाश को ही अहम जिम्मेदारियां दे रही थीं.
आकाश के बहाने युवाओं को साधने को कोशिश
आकाश एक युवा चेहरा है और बसपा उनके सहारे उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में युवाओं को साधने की कोशिश कर रही है. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा को तगड़ा झटका लगा था. पार्टी का वोट शेयर 22% से घटकर 11% पर आ गया था. ऐसे में बसपा अपना खोया जनाधार पाने के लिए युवाओं को जोड़ना चाहती है. वैसे भी चार बार यूपी की सीएम रह चुकी मायावती की पार्टी बसपा की अब प्रदेश में स्थिति कमजोर हो रही है. प्रदेशभर में बसपा का केवल एक विधायक है. वहीं पश्चिम यूपी में आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर की दलित वर्ग के बीच पकड़ मजबूत हो रही है. बसपा के पास विकल्प की भी कमी है. ऐसे में बसपा की मुखिया मायावती ने दलित समाज के युवाओं को यह साफ मैसेज देने का प्रयास किया कि बसपा में युवा नेता और पार्टी का ऑप्शन अब आकाश आनंद हैं जिसके सहारे बसपा सियासी चौसर पर एक बार फिर से नंबर दो बनना चाह रही है.