पटेल ने रची थी गुजरात सरकार गिराने की साजिश- BJP के आरोपों पर भड़की कांग्रेस ने दिया ये जवाब

गुजरात दंगों को लेकर तीस्ता सीतलवाड़ के रोल की जांच कर रही SIT ने कोर्ट में दाखिल हलफनामे में किये बड़े दावे, जिसके अनुसार सीतलवाड़ को 2002 में गुजरात सरकार को अस्थिर करने के लिए मिला था कांग्रेस से फंड, दावों को आधार बना बीजेपी ने खोला मोर्चा- सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए सीतलवाड़ का किया इस्तेमाल, तो बोली कांग्रेस- चुनाव से पहले भाजपा जो नया शगूफा छोड़ती है, उससे देश आ चुका है, बोली मुमताज- राजनीतिक हित के लिए मेरे पिता का नाम किया जा रहा है इस्तेमाल

'पटेल ने रची थी गुजरात सरकार गिराने की साजिश'
'पटेल ने रची थी गुजरात सरकार गिराने की साजिश'

Politalks.News/Gujarat/TeestaSetalvad. 2002 के गुजरात दंगों में भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट मिल गई हो लेकिन इस मामले को लेकर देशभर में सियासत गरमाई हुई है. इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी के बाद गुजरात दंगों में सामजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के रोल की जांच कर रही SIT ने अहमदाबाद सेशन कोर्ट में दाखिल हलफनामे में यह दावा किया है कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 में गुजरात सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस से फंड मिला था. यही नहीं इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि सीतलवाड़ ने सोनिया गांधी के सचिव रहे अहमद पटेल से 30 लाख रुपए लिए थे. SIT रिपोर्ट के सामने आने के बाद देश की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों की तरफ से वार-पलटवार तेज हो गया है तो वहीं इस मामले में दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल का नाम आने पर उनकी बेटी की नाराजगी भरी प्रतिक्रिया भी सामने आई है.

दरअसल, बीते शुक्रवार को गुजरात सरकार की विशेष जांच दल ने एक गवाह के हवाले से बड़ा खुलासा करते हुए बताया क‍ि, ‘सामाजिक कार्यकर्ता तीस्‍ता सीतलवाड़ राजनीत‍ि में आना चाहती थीं. सीतलवाड़ ने इसके लिए एक नेता से कहा था क‍ि अगर शबाना आजमी और जावेद अख्‍तर को राज्‍यसभा सांसद बनाया जा सकता है तो मुझे क्‍यों नहीं?’ यहीं नहीं SIT द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि, ‘कांग्रेस नेता अहमद पटेल के साथ मिलकर वे तत्‍कालीन मोदी सरकार ग‍िराने के लिए साज‍िश रच रही थीं. साथ ही तीस्‍ता गुजरात में बीजेपी सरकार को ग‍िराने की एक बड़ी साजिश में शामिल थीं. यही नहीं सीतलवाड़ को 2002 दंगों के बाद बीजेपी सरकार को गिराने के लिए सोनिया गांधी के सचिव रहे अहमद पटेल से 30 लाख रुपए लिए थे. इस तरह सीतलवाड़ ‘दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल के इशारे पर की गई एक बड़ी साजिश में शामिल थीं.

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गुजरात SIT की इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि, ‘तीस्ता सीतवाड़ ने अब तक जो कुछ भी किया वो कांग्रेस के कहने पर किया. गुजरात दंगे 2002 में जिस प्रकार माननीय नरेन्द्र मोदी जी को अपमानित करने की चेष्टा कांग्रेस ने षड्यन्त्र के तहत की थी, परत दर परत उसकी सच्चाई सामने आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा था कि कुछ लोग षड्यन्त्र के तहत इस विषय को जीवित रखने का प्रयत्न कर रहे थे तथा गलत तथ्य प्रस्तुत कर रहे थे और अब इन लोगों पर भी कानून का शिकंजा कसे.’

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आगे कहा कि, ‘मीडिया में आए एफिडेविट के अनुसार इस काम के लिए पैसे दिए गए, पहले क़िस्त के रूप में 30 लाख रुपये सोनिया गांधी जी ने तिस्ता सीतलवाड़ को दिए. अहमद पटेल जी हमारे बीच नहीं है, लेकिन उन्होंने तो केवल वो डिलीवरी की थी. ये 30 लाख उस जमाने में मात्र पहली किस्त के रूप में दिए गए थे. इसके बाद न जाने कितने करोडों रुपये सोनिया गांधी ने, नरेंद्र मोदी को अपमानित और बदनाम करने के लिए दिए और केवल राहुल गांधी को प्रोमोट करने के लिए तिस्ता सीतलवाड़ का इस्तेमाल किया.’ वहीं बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि, ‘अहमद पटेल हों या सोनिया गांधी हों, यह सब तो एक बहाना है, इनका असली मकसद गुजरात चुनाव पर निशाना है.’

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कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आगे कहा कि, ‘गुजरात चुनाव आते ही नरेंद्र मोदी जी और उनका इको सिस्टम नई-नई थ्योरी सामने लाता है. जिस एसआईटी ने नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दी थी, उसके अध्यक्ष श्री राघवन को पुरस्कृत किया गया था, सरकार जवाब दे कि क्यों पुरस्कृत किया गया था. जो इस दुनिया में नहीं है उससे तो तुम सवाल पूछ रहे हो और जो है उनके सवालों का आपके पास जवाब ही नहीं है. अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए हर चुनाव से पहले भाजपा जो एक नया शगूफा छोड़ती है, देश उससे तंग आ चुका है.’ वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अहमद पटेल पर लगाए गए सभी आरोपों का खंडन करती है. यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वे 2002 में हुए गुजरात के पाप से मुक्त होना चाहते हैं. नरसंहार को रोकने में उनकी अनिच्छा और अक्षमता के कारण ही भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी ने उन्हें राजधर्म याद दिलाने के लिए बाध्य होना पड़ा था.’

वहीं इस पुरे प्रकरण में अपने दिवंगत पिता अहमद पटेल का नाम आने पर बेटी मुमताज पटेल ने कहा कि, ‘ये एक राजनीतिक षड्यंत्र है जो चुनाव से पहले किया जा रहा है. चुनाव से पहले इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं और विपक्ष की छवि को खराब किया जा रहा है. मेरे पिता के खिलाफ उस समय कार्रवाई क्यों नहीं की गई जब यह सब होने की आप बात कह रहे हो. मेरे पिता का नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है. यूपीए सरकार के दौरान तीस्ता को कोई सम्मान क्यों नहीं दिया गया, राज्यसभा का सदस्य नहीं बनाया गया और केंद्र ने 2020 तक मेरे पिता पर इतनी बड़ी साजिश रचने के लिए मुकदमा क्यों नहीं चलाया?

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