Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल ‘पुनर्गठन‘ से पहले कांग्रेस हाईकमान ने कांग्रेस घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा करने का हिसाब मांगा है. छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और सांसद अमर सिंह ने सीएम अशोक गहलोत और उनके मंत्रिपरिषद के साथियों के साथ बैठक करके घोषणा पत्र पर अब तक हुए काम का रिव्यू किया. सीएम निवास पर करीब चार घंटे चली घोषणा पत्र क्रियान्यवन समिति की बैठक में ढाई साल के कार्यकाल में अब तक घोषणा पत्र पर हुए काम का बिंदुवार ब्यौरा लिया गया. इस बैठक के बाद ताम्रध्वज साहू और अमर सिंह गहलोत सरकार के कामकाम से गदगद नजर आए. साहू ने अब तक किए हुए कामों पर संतुष्टि जताई और कुछ मामलों को लेकर सुझाव भी दिए. अजय माकन की ‘रायशुमारी’ के बाद अब ताम्रध्वज द्वारा की गई ‘वादों की समीक्षा’ की रिपोर्ट भी आलाकमान के पास पहुंचने वाली है. आपको बता दें कि ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता वाली कमेटी की यह दूसरी बैठक थी. पिछले साल 25 सितंबर को इस कमेटी की बैठक हुई थी. बैठक के बाद ताम्रध्वज साहू दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं
गहलोत सरकार ने किया बेहतरीन काम- ताम्रध्वज
सीएम गहलोत और मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ से मीटिंग के बाद ताम्रध्वज साहू ने कहा कि, ‘गहलोत सरकार ने बेहतरीन काम किया है. जन घोषणा पत्र की 64 फीसदी घोषणा पूरी कर दी है. 24 फीसदी घोषणाओं पर काम चल रहा है. शेष बची घोषणाओं पर प्राथमिक स्तर पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है. किसी भी विभाग को नॉन परफॉर्मर नहीं कहा जा सकता है‘. ताम्रध्वज साहू ने गहलोत सरकार के नवाचारों की भी तारीफ की. साहू ने कहा कि, ‘कई ऐसी भी योजनाएं शुरू की गई है जिनका घोषणा पत्र में उल्लेख नहीं था‘.
केन्द्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए साहू ने कहा कि, ‘केन्द्र से समय पर वित्त नहीं मिलने के चलते कई योजनाएं प्रभावित हो रही हैं.’ ताम्रध्वज अब दो-तीन दिन में सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. इससे पहले घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू ने जयपुर पहुंचने पर मीडिया से बातचीत में कहा था कि, ‘सोनिया गांधी के आदेश पर दोबारा घोषणा पत्र कमेटी की बैठक लेने आया हूं’. मंत्रिमंडल के सवाल पर साहू ने कहा कि, ‘ये काम प्रभारी महासचिव का है. मैं अपना काम करने आया हूं’.
‘रायशुमारी’ और समीक्षा बैठक के लिए पहले से तैयार थे सीएम गहलोत
कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी अजय माकन की रायशुमारी के बाद घोषणा पत्र कमेटी की बैठक पर सभी की नजरें थी. सीएम गहलोत भी इस बैठक के लिए पहले से ही तैयार थे. 28 जुलाई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों और विभागों के प्रमुख अफसरों के साथ बैठक करके अब तक घोषणाओं पर हुए काम का रिव्यू किया था. इसके बाद से ही सभी मंत्री अपने-अपने विभाग में बैठकें करके तैयारियों में लगे थे. आपको बता दें कि घोषणा पत्र क्रियान्वयन समिति का गठन सोनिया गांधी ने पिछले साल जनवरी में किया था.
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64 फीसदी घोषणाओं पर काम पूरा- गहलोत सरकार
अशोक गहलोत सरकार ने पिछले ढाई साल में कांग्रेस घोषणा पत्र में जनता से किए वादों में 64 फीसदी पर काम पूरा करने का दावा किया है. दावे के मुताबिक 28 फीसदी घोषणाओं पर काम प्रगति पर है, जबकि 8 फीसदी घोषणाओं पर काम बाकी है. मंत्रिमंडल में पुनर्गठन से पहले कांग्रेस हाईकमान के दबाव के साथ ही घोषणा पत्र को लेकर सजग हुए गहलोत के मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों की बजट घोषणाओं के काम की समीक्षा की और गहलोत सरकार ने इसके बाद 64 फीसदी घोषणाएं पूरा करने और 28 फीसदी पर काम प्रगति पर होने का दावा किया.
कांग्रेस का जन घोषणा पत्र बनाया गया था सरकारी दस्तावेज
कांग्रेस सरकार बनते ही सीएम गहलोत ने पहली कैबिनेट बैठक में दिसंबर 2018 में अपने चुनावी जन घोषणा पत्र को सरकारी नीतिगत दस्तावेज का दर्जा दिया था. इसमें की कई घोषणाओं को पूरा करना अब सरकार के लिए जरूरी है. सीएम गहलोत ने बैठक से पहले ट्वीट कर लिखा था कि, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित घोषणा पत्र समिति के चेयरमैन ताम्रध्वज साहू और सांसद अमर सिंह जयपुर आकर घोषणा पत्र क्रियान्वयन की दूसरी समीक्षा बैठक करेंगे. पिछले वर्ष 25 सितंबर को भी घोषणा पत्र क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक हुई थी. हमारी सरकार ने पहले की तरह चुनावी घोषणा पत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाकर काम किया है. मुझे खुशी है कि हम घोषणा पत्र के अधिकांश वादों को पूरा करने की ओर अग्रसर हैं.
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कॉन्फिडेंट दिखे डोटासरा, मोदी सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि, पहली बार किसी सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र में किए वादों का हिसाब दिया है. डेढ़ साल हमने कोरोना का भी सामना किया है, फिर भी हम घोषणा पत्र के वादों को पूरा करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं. बीजेपी पर निशाना साधते डोटासरा बोले कि, ‘बीजेपी बताए की कहां है उनका संकल्प पत्र? मोदी जी ने 7 साल में अपने काम का हिसाब नहीं दिया. उनके वादों का क्या हुआ, सेना के शौर्य के पीछे मोदी जी ने फिर से सरकार बनाई है’.