पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में युवा कांग्रेस के मतदान की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, वैसे वैसे चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार तेज होता जा रहा है. प्रदेश में युवा कांग्रेस के सात साल बाद चुनाव हो रहे इस चुनाव में प्रदेश भर में करीब साढ़े चार लाख मतदाता पहली बार सेल्फ वोटिंग ऐप के जरिए युवा कांग्रेस के पांच पदों के लिए मतदान करेंगे. 22 और 23 फरवरी को दो चरणों में होने वाले इस चुनाव में युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए 9 उम्मीदवार मैदान में है. चुनावों के नतीजे कब आएंगें इसकी घोषणा अभी नहीं हुई है.
अभी तक प्राप्त समीकरण में युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए 9 उम्मीदवारों में से मुकेश भाकर, सुमित भगासरा और अमरदीन फकीर के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. मुकेश भाकर की बात करें तो भाकर प्रदेश के युवाओं में मजबूत पकड रखते है. वर्तमान में मुकेश भाकर नागौर जिले के लाडनूं विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी हैं. छात्र राजनीति के समय से युवाओं में पकड रखने वाले भाकर 2013 से 2015 तक एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वहीं 2015-16 में एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं. पिछले प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में भी भाकर बहुत एक्टिव थे और अशोक चांदना के चुनाव में भाकर ने अहम भूमिका निभाई थी.
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बात करें सुमित भगासरा की तो भगासरा 2005 में NSUI में शामिल हुए और राजनीति की पहली पाठशाला छात्र राजनीति में अपना पहला कदम रखा. इसके साथ ही भगासरा 2010 से 2012 तक एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे. एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भगासरा ने संगठन के लिए अनेकों महत्वपूर्ण कार्य किए. इसके लिए भगासरा को 2012 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बेस्ट स्टेट प्रेसिडेंट के अवार्ड से भी नवाजा. 2013 में भगासरा युथ कांग्रेस में शामिल हुए. वर्तमान में भगासरा प्रदेश युवा कांग्रेस में उपाध्यक्ष भी है, इसके साथ ही एआईसीसी के सदस्य और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रवक्ता भी है. भगासरा 2005 से ही युवाओं के बीच काफी सक्रिय है. यही वजह है कि 9 उम्मीदवारों में से भगासरा टॉप 3 में है और चुनावी टक्कर दे रहे हैं.
यूथ कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष अमरदीन फकीर को अपने भाई और सरकार में मंत्री सालेह मोहम्मद की भी लोकप्रियता का फायदा मिल रहा है. फकीर भी पिछले 10 सालों से युवाओं के बीच सक्रिय है. फकीर एनएसयूआई में प्रदेश सचिव भी रह चुके है. इसके बाद युवा कांग्रेस में प्रदेश महासचिव रह चुके है. फकीर का जैसलमेर और बाडमेर के युवाओं में फकीर का जबरदस्त प्रभाव है. फकीर के युवाओं में जबरदस्त प्रभाव के बदौलत ही उनके बडे भाई सालेह मोहम्मद जैसे तैसे अपना पिछला विधानसभा चुनाव जीत पाए थे. इस चुनाव के लिए फकीर अब तक प्रदेश के अधिकांश जिलों का दौरा कर चुके है.
अमरदीन को मिला चांदना का साथ
इस त्रिकोणीय मुकाबले में अब तक मुकेश भाकर का नाम सबसे उपर माना जा रहा था. लेकिन जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है, चुनाव के समीकरण लगातार बदलते जा रहे है. सूत्रों की मानें तो फकीर को मौजूदा प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चांदना का भी समर्थन मिल रहा है. चांदना के समर्थन के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद पर अमरदीन फकीर का नाम इस त्रिकोणीय मुकाबले में सबसे उपर आ गया है. ऐसे में अब मुकेश भांकर और सुमित भगासरा दोनों पर ही अमरदीन फकीर अमरदीन फकीर भारी पड़ते दिखाई दे रहे है.
राजस्थान युवा कांग्रेस के अब तक के सभी मतदान बैलेट पेपर से हुए है. इस चुनाव में पहली बार मतदान मोबाइल ऐप के जरिए होगा. इससे पहले पंजाब में ऐप के जरिए मतदान हुआ था. पंजाब में हुए चुनाव में रजिस्टर्ड मतदाताओं में से सिर्फ 9 प्रतिशत मतदाताओं ने ही मतदान किया था. ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष पर चुनाव लड रहे सभी उम्मीदवारों ने प्रदेश चुनाव प्रभारी पलक वर्मा के समक्ष ऐप के जरिए मतदान होने का विरोध भी किया था. ऐप के जरिए मतदान होने से कहीं ना कहीं मतदान की पारदर्शिता पर भी प्रभाव पडेगा. इसके साथ ही ऐप पर मतदान के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल पर ओटीपी आएगा ऐसे में इस चुनाव से वो लोग वंचित हो सकते है जिन्होंने अपने मोबाइल नंबर को बदल लिया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि पंजाब के बाद राजस्थान में होने वाले इस चुनाव में भी मतदान का प्रतिशत बेहद कम रह सकता है. जिसकी चिंता भी सभी उम्मीदवारों को सता रही है.
वहीं प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चांदना ने एक पत्र लिखते हुए वोटिंग मोबाईल एप की जगह बेलेट पेपर से कराने का आगृह किया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क से संबंधित इश्यू रहते हैं. साथ ही मतदान की गोपनीयता भंग होने की संभावना भी जताई है.
बता दें, यूथ कांग्रेस के जिन पांच पदों पर सीधे चुनाव होंगे उनमें प्रदेश अध्यक्ष, महासचिव, जिला अध्यक्ष, महासचिव और विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष पद पर चुनाव होगा. जो सर्वाधिक वोट लायेगा वह अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होगा. वहीं अध्यक्ष पद पर चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों में से सर्वाधिक वोट लाने वाले चार प्रत्याशियों को उपाध्यक्ष बनाया जायेगा जिसमें दो सामान्य वर्ग से, एक महिला वर्ग और एक एससी-एसटी से होगा. प्रदेश महासचिव के लिए सीधा चुनाव होगा इनमें से पहले 12 नंबर तक आने वाले उम्मीदवारों को महासचिव बनाया जाएगा. वहीं इसके बाद आने वाले 39 उम्मीदवारों को प्रदेश सचिव बनाया जायेगा. इसी प्रकार प्रदेश कांग्रेस संगठन के 39 जिलों में जिलाध्यक्ष और महासचिव के लिए सीधे सीधे चुनाव होंगे वहीं हारने वाले उम्मीदवारों में से जिला उपाध्यक्ष और सचिव बनाया जायेगा. इसके साथ ही 200 विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष का भी चुनाव होगा.