महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अभी थोड़ा वक्त बाकी है. हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल कभी भी बज सकता है. चुनाव आयोग भी महाराष्ट्र का दौरा कर चुका है और तारीख घोषणा की तैयारी चल रही है. इससे पहले शरद पवार की एनसीपी (एसपी) के एक बड़े दावे ने प्रदेश से लेकर दिल्ली तक की राजनीति में हलचल मचा दी है. पार्टी की ओर से सांकेतिक भाषा में दावा किया है कि चुनाव से पहले एक बड़ी मछली उनकी पार्टी में आने वाली है.
आगामी चुनाव में महायुति को मिलने वाली सीटों का दावा भी किया गया है. उनके दावे के कुछ समय बाद ही भारतीय जनता पार्टी का एक बड़ा नेता और पंकजा मुंडे के करीबी के एनसीपी (एसपी) ज्वॉइन करने से शरद पवार के दावे को सच माना जा रहा है. इसके बाद महायुति के सभी नेता एकदम से सतर्क हो गए हैं.
पंकजा मुंडे को लगा बड़ा झटका
महाराष्ट्र सरकार में केबिनेट मंत्री एवं बीजेपी नेत्री पंकजा मुंडे के विश्वासपात्र माने जाने वाले राजाभाऊ फड ने बीजेपी का दामन छोड़कर शरद पवार की मौजूदगी में एनसीपी (NCP-SP) में शामिल हो गए. राजाभाऊ ने दावा किया कि परली में राजनीतिक उत्पीड़न का माहौल है. एक भी कार्यकर्ता झूठे मामलों से नहीं बचा है. जब भी कोई नेता विपक्षी पार्टी में शामिल होता है, तो उसके खिलाफ फर्जी मामले दर्ज कर लिए जाते हैं. मेरे खिलाफ भी फर्जी मामला दर्ज किया जाएगा, लेकिन लोग अब पवार साहब के साथ हैं. उन्होंने महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे पर परली के विकास के लिए आए सरकारी धन को हड़पने का आरोप लगाया.
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इसके तुरंत बाद शरद पवार ने अपने उन एनसीपी नेताओं पर अप्रत्यक्ष हमला भी किया, जिन्होंने अलग होकर सत्तारूढ़ बीजेपी और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) से हाथ मिला लिया. पवार ने कहा कि राजाभाऊ फड पिछले 25 साल तक परली में सरपंच रहे हैं और राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएसपी) के पूर्व युवा अध्यक्ष भी हैं. अब वे पंकजा मुंडे से परली सीट हासिल करने के लिए हमारी पार्टी की रणनीति में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. फड का पार्टी बदलने को सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
एकनाथ खडसे के नाम भी चर्चा तेज
एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने महायुति के एक वरिष्ठ नेता के उनके साथ आने पर विचार करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि ये नेता महाविकास अघाड़ी (MVA) के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सत्ता से महायुति गठबंधन को हटाने के लिए कृतसंकल्प हैं. हालांकि उक्त का नाम बताने से इनकार किया गया है. राजाभाऊ फड के आने के बाद एनसीपी एसपी के दावे को नकारा नहीं जा सकता है. चर्चा में शामिल नेताओं में एकनाथ खडसे का नाम सबसे उपर है, जिन्होंने हाल ही में कहा था कि वे पार्टी के कुछ नेताओं के विरोध के कारण बीजेपी में दोबारा शामिल नहीं होंगे. दो साल पहले खडसे ने देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन के साथ मतभेदों की वजह से बीजेपी छोड़ दी थी. हालांकि एनसीपी के दावों का कुछ समय में पता चल ही जाएगा.
इतनी सीटों पर सिमट जाएगी महायुति
एनसीपी (SP) के प्रवक्ता महेश तपासे ने दावा किया कि बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) का महायुति गठबंधन 100 से ज्यादा सीटें हासिल नहीं कर पाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि महायुति की सीटें कम होने के पीछे की मुख्य वजह लोगों की केंद्रीय भाजपा नेतृत्व के प्रति नाराजगी है. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी साफ देखी जा सकती है.
गौरतलब है कि अजित पवार ने पिछले साल अपने चाचा का साथ छोड़कर पार्टी तोड़ दी थी और सरकार में शामिल हो गए. अजित पवार राज्य के डिप्टी सीएम बन गए. इसके बाद भी शरद पवार ने हार नहीं मानी और केवल कुछ विधायक के साथ एनसीपी (एसपी) खड़ी की. पवार की लीडरशिप में पार्टी ने आम चुनाव में 9 सीटें जीतकर अजित पवार को दिन में तारे दिखाए. अब अजित महायुति की सबसे कमजोर कड़ी साबित हो रहे हैं और की गई गलती को कई बार मान भी चुके हैं. अब एनसीपी (एसपी) के बड़ी मछली फंसने के दावे ने प्रदेश की राजनीति में सनसनी मचाने का काम तो कर दिया है. देखना ये होगा कि ये बड़ी मछली कहीं एकनाथ खडसे या अजित पवार या उनकी पार्टी का कोई बड़ा नेता तो नहीं.