54 हुए कोरोना पॉजिटिव, गहलोत ने 10 हजार वेंटिलेटर का इंतजाम रखने के दिए निर्देश, पीएम को फिर लिखा पत्र

सीएम गहलोत ने पीएम मोदी से की सभी राज्यों एक लाख करोड़ रूपए का एक मुश्त अनुदान उपलब्ध कराने की मांग, भीलवाडा जिले को कोरोना का एपीसेंटर बनने से रोकने के लिए हरसम्भव उपाय करने, जिले से किसी के बाहर जाने पर पूरी तरह रोक

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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में कोरोना का कहर बदस्तूर जारी है, शनिवार को प्रदेश में 4 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए, जिसके बाद प्रदेश में कुल कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर 54 हो गई है. प्रदेश में तेजी से बढ रही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या से चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्चाधिकारियों को दस हजार वेंटिलेटर एवं अधिक से अधिक टेस्ट किट का इंतजाम रखने के निर्देश दिए हैं. वहीं सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर गरीबों की सहायता और कोरोना की रोकथाम के लिए आवश्यक उपायों को लागू करने के उद्देश्य से देश के सभी राज्यों को एकमुश्त एक लाख करोड रूपए अनुदान उपलब्ध कराने की मांग की. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर प्रवासी राजस्थानियों के लिए भोजन-पानी की पूर्ति सुनिश्चित करने का अनुरोध भी किया.

मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि कोविड-19 महामारी का गरीब तबके पर विपरीत प्रभाव रोकने एवं आवश्यक उपायों को लागू करने के लिए देश के सभी राज्यों को एकमुश्त एक लाख करोड़ रूपए का अनुदान उपलब्ध कराया जाए. अनुदान राशि की पहली किश्त राज्यों को प्रति व्यक्ति जनसंख्या के आधार पर दी जा सकती है. इसके बाद जिन राज्यों में संक्रमण ज्यादा हो उनको अधिक अनुपात एवं बाकि राज्यों को समानुपातिक आधार पर अनुदान राशि का वितरण किया जा सकता है.

सीएम गहलोत ने अपने पत्र में कोविड-19 महामारी को देखते हुए भारत सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस महामारी से भारत सरकार और राज्यों को संयुक्त रूप से लड़ना होगा. सीएम गहलोत ने अपने पत्र में आगे लिखा कि भारत सरकार भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश प्रदान करे कि राज्यों को एक लाख करोड़ रूपए विशेष ब्याज रहित वेज एण्ड मीन्स अग्रिम के तौर पर दें. यह व्यवस्था एक अप्रेल, 2020 से 11 महीनों के लिए की जाए. कोविड-19 महामारी के कारण राज्यों की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा है. कर एवं गैर कर राजस्व में आई भारी कमी को ध्यान में रखते हुए राज्यों को मिलने वाली शुद्ध ऋण सीमा में 2 प्रतिशत की अतिरिक्त ऋण सीमा की अनुमति तुरन्त दी जानी चाहिए.

मुख्यमंत्री गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा कि कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण लोगों की आजीविका के सामने संकट खड़ा हो गया है. प्रदेश के लोगों को भुखमरी से बचाने के लिए राजस्थान सरकार आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को बनाए रखने के साथ ही कमजोर एवं वंचित वर्ग को नकद राशि व आवश्यक राशि उपलब्ध कराने की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है. राज्य सरकार ने हैल्थ सेक्टर में व्यय को बढ़ाते हुए इस महामारी के प्रभाव को रोकने के लिए पूरी क्षमता के साथ उपाय किए हैं. ऎसे में कोविड-19 से निरंतर बदलती स्थितियों से निपटने के लिए राज्यों को पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिएं.

इसके साथ ही सीएम गहलोत ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर स्वयं द्वारा पीएम मोदी को भेज प्रधाने गए पत्र का हवाला देते हुए उनसे आग्रह किया कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की भावना को मजबूत करते हुए इस मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठाएं ताकि राज्य सरकारें कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए किए जा रहे उपायों को लागू करने एवं संसाधनों का इंतजाम करने में समक्ष हो सकें.

सीएम गहलोत ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दूसरा पत्र लिखकर अनुरोध किया कि उनके प्रदेशों में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों को 14 अप्रेल तक लागू लॉकडाउन के दौरान भोजन, पानी एवं स्वास्थ्य सेवाओं जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित की जाए. संकट के इस समय में मानवता की सेवा के लिए ऎसी सहायता उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है. राजस्थान सरकार विभिन्न प्रदेशों में प्रवासी राजस्थानियों पर इस संकट काल के दौरान मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर होने वाले खर्च को वहन करने को भी तैयार हैं. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि राजस्थान में भी दूसरे राज्यों के प्रवासी अटके हुए हैं, जिनको राजस्थान सरकार सभी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित करवा रही है.

सीएम गहलोत ने अपने आवास पर उच्चाधिकारियों के साथ प्रदेश के हालातों पर वीडियों कांफ्रेसिंग के जरिए बैठक ली. इस दौरान सीएम गहलोत ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना के व्यापक संक्रमण को रोकने के लिए आने वाले समय में करीब दस हजार वेंटिलेटर एवं अधिक से अधिक टेस्ट किट की जरूरत पड़ेगी. ऎसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर एवं टेस्ट किट का इंतजाम करके रखें.

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इसके अलावा मुख्यमंत्री गहलोत ने कोरोना के कहर के चलते चिकित्सा सेवा से जुड़े चिकित्सक और अन्य कर्मचारियों के स्वास्थ्य के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चिकित्सक, नर्सेज एवं अन्य हैल्थ केयर वर्कर्स हमारे अग्रिम योद्धा हैं ऐसे में इस बात का पूरा ध्यान रखना होगा कि उन्हें संक्रमित होने से बचाने की पूरी तैयारी रखी जाए. डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ एवं पैरा मेडिकल स्टाफ सहित अन्य हैल्थकेयर वर्कर्स की नियमित अंतराल पर जांच की जाये.

सीएम गहलोत ने आईसीएमआर से कोरोना रैपिड टेस्ट किट को मंजूरी मिलते ही इनकी जल्दी खरीद करने के निर्देश दिए ताकि अधिक संख्या में लोगों की स्क्रीनिंग की जा सके. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि इस रैपिड टेस्ट किट की मदद से भीलवाड़ा में मास स्क्रीनिंग कर वहां संभावित कम्यूनिटी स्प्रेडिंग को सही समय पर रोका जा सकता है. सीएम गहलोत ने वेंटिलेटर की खरीद भी जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए. सीएम गहलोत ने आगे भीलवाडा जिले को कोरोना का एपीसेंटर बनने से रोकने के लिए हरसम्भव उपाय करने, जिले से किसी के बाहर जाने को पूरी तरह से रोकने और संदिग्ध रोगियों को आइसोलेशन में रखने के साथ ही व्यापक स्तर पर स्क्रीनिंग एवं जांच करने के चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए.

बता दें, राजस्थान में शनिवार को कोरोना पॉजिटिव मरीजों के 4 नए केस सामने आए हैं. प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस का संक्रमण भीलवाडा में जहां शनिवार को भी तीन नए कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए वहीं एक पहला कोरोना पॉजिटिव अजमेर में सामने आया. भीलवाडा में मिले तीनों कोरोना पॉजिटिव मरीज भीलवाडा के बांगड अस्पताल के कर्मचारी है वहीं अजमेर में कोरोना संक्रमित पाया गया युवक एक सेल्समैन है और 22 मार्च को पंजाब से हरियाणा होता हुआ अजमेर लौटा था. कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद अजमेर के उस इलाके के चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इससे पहले प्रदेश में शुक्रवार को 7 पॉजिटिव केस सामने आए थे. ऐसे में कुल मिलाकर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या अब 54 पहुंच गई है, वहीं 255 मरीजों की जांच रिपोर्ट अभी प्रकियाधीन है.

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