Politalks.News/PunjabPolitics. पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी राज्यों में सियासत तेज हो गई गई. वहीं पंजाब कांग्रेस में पिछले कई महीने से चल रहा बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. ताजा मामले के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ 40 विधायकों के मोर्चा खोलने के बाद पार्टी ने आज शाम विधायक दल की बैठक (CLP) बुलाई है. इस बैठक में प्रभारी हरीश रावत के अलावा, दिल्ली से पार्टी के दो पर्यवेक्षक हरीश चौधरी और अजय माकन के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है. बता दें, हरीश चौधरी राहुल गांधी के विश्वासपात्र और राजस्थान की गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.
आपको बता दें, पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत की ओर से शुक्रवार देर रात किए गए ट्वीट ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा कि, ‘पंजाब में बड़ी संख्या में विधायकों ने कांग्रेस पार्टी से पंजाब में विधायक दल की बैठक (CLP) बुलाने की मांग की है. इसी के तहत 18 सितंबर को शाम 5 बजे पंजाब में पार्टी दफ्तर में कांग्रेस की विधायक दल की बैठक होगी. सभी विधायकों से अपील है कि वे इसमें शामिल हों.’ वहीं पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी ट्वीट कर कहा कि, ‘कांग्रेस पार्टी के निर्देश पर 18 सितंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. वहीं रावत ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने पीपीसीसी को बैठक को सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया है. वहीं दूसरी ओर कैप्टन अमरिंदर सिंह कैंप की ओर से इस घटनाक्रम पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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आपको बता दें, यूं तो कांग्रेस विधायक दल की इस बैठक के एजेंडा तो सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि यह बैठक पंजाब कांग्रेस के 40 विधायकों द्वारा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने के एक दिन बाद बुलाई गई है. इन विधायकों ने चिट्ठी में 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने के लिए सीएलपी की बैठक बुलाने की मांग की थी. सूत्रों ने बताया कि विधायकों ने पत्र के जरिये पार्टी अध्यक्ष को यह भी बताया कि वे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिए गए पार्टी आलाकमान के 18 सूत्री एजेंडे पर चर्चा करेंगे.