‘गुलाम’ से ‘आजाद’ होकर 17 नेताओं ने की कांग्रेस में घर वापसी, क्या सच में ये एक शुरुआत?

जम्मू कश्मीर में एंट्री से पहले दिख रहा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का असर, पूर्व डिप्टी सीएम तारा चंद और पूर्व पीसीसी चीफ पीरजादा मो.सईद की भी हुई घर वापसी, जम्मू कश्मीर चुनाव से पहले गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक पार्टी ओ कमजोर करने की है तैयारी

congress netao ki ghar vapsi
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Congress Leaders in Jammu Kashmir. जम्मू कश्मीर की राजनीति में शुक्रवार का दिन बेहद खास रहा. खास इसलिए क्योंकि कांग्रेस से नाता तोड़कर गुलाम नबी आजाद के साथ गए 17 नेताओं की घर वापसी हुई है. इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद और पूर्व PCC प्रमुख पीरजादा मोहम्मद सईद भी शामिल हैं. इन दोनों के साथ 17 नेताओं ने AICC के महासचिव केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में फिर से कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. काबिले गौर है कि इन सभी नेताओं ने दो महीने पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (DAP) जॉइन की थी. बताया जा रहा है कि दो अन्य वरिष्ठ नेताओं का भी वापस कांग्रेस पार्टी में आना अभी शेष है.

आपको बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही गुलाम नबी आजाद की कांग्रेस में वापसी की खबरें राजनीति की गलियारों में बह रही थी. लेकिन गुलाम नबी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. अब इन सभी नेताओं की कांग्रेस में वापसी ने फिर से इन अटकलों को हवा देने का काम किया है. अब फिर भी गुलाम अपनी आजादी से समझौता नहीं करते हैं तो भी इस तरह नेताओं की कांग्रेस में वापसी गुलाम और उनकी पार्टी को कमजोर करने का काम जरूर कर रही है.

दरअसल, गुलाम के पिजरे से आजाद होने वाले ये सभी 17 नेताओं की घर वापसी एक शुरुआत भर है. आगामी कुछ दिनों में कई आला दर्जे के नेताओं की कांग्रेस में वापसी होती स्पष्ट दिख रही है. वजह है राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा. अखंड भारत और देश को एक सूत्र में पिरोने का लक्ष्य लेकर शुरू की गई भारत जोड़ो यात्रा की अगले दो हफ्तों में जम्मू कश्मीर में एंट्री होने जा रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को साफ तौर पर ये निर्देश दिए गए हैं कि आजाद के साथ कांग्रेस छोड़ चुके नेताओं की वजह से कांग्रेस की बदनामी हुई है. ऐसे में राहुल गांधी के जम्मू कश्मीर पहुंचने से पहले या तो गुलाम नबी कांग्रेस में वापसी करें या फिर शेष नेताओं को घर वापसी करा कर गुलाम की गुलामी से आजाद कराया जाए, ताकि जम्मू कश्मीर के चुनावों से पहले आजाद की पार्टी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (DAP) को मजबूत होने से पहले ही कमजोर कर दिया जाए.

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जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और फारूख अब्दुला पहले ही राहुल गांधी की तारीफ कर चुके हैं. ऐसे में अगर जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे तो महबूबा की पिपुल्स डेमोक्रेटिव पार्टी (पीडीपी) और फारूख अब्दुला की जम्मू एंड कश्मीर नेशनल क्रॉन्फ्रेंस पार्टी मिलकर चुनाव लड़ सकती हैं. अगर दोनों पार्टियां बीजेपी के सामने कमजोर पड़ी तो यहां कांग्रेस त्रिगुट बना सकती है. लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब गुलाम नबी आजाद और उनकी पार्टी को कमजोर बनाया जाए. अगर ऐसा होता है तो संभावना है कि गुलाम नबी फिर से कांग्रेस में जाएं.

जैसा कि वेणुगोपाल ने कहा कि यह केवल शुरुआत है और जब यात्रा जम्मूकश्मीर में प्रवेश कर रही है, तो कांग्रेस की विचारधारा वाले और अखंड भारत चाहने वाले सभी लोग पार्टी में शामिल होंगे. मुझे लगता है कि वे दो महीने की छुट्टी पर गए थे. उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा देश में एक बड़ा आंदोलन बन गई है, इसीलिए इन सभी नेताओं ने कांग्रेस में वापस आने का फैसला किया है.

घर वापसी कर रहे नेताओं के बयान भी गुलाम नबी का दिल तोड़ना वाला बयान कहा जा सकता है. घर वापसी कर रहे नेताओं में से एक और पूर्व उप मुख्यमंत्री तारा चंद ने कहा कि हम भावनाओं और दोस्ती में बह गए थे और जल्दबाजी में पार्टी छोड़ दी. तारा चंद ने कांग्रेस में विश्वास दिखाते हुए कहा कि मुझ जैसे गरीब आदमी को कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया, विधायक बनाया, CLP लीडर बनाया. हम कांग्रेस पार्टी में वापस आए हैं.

वहीं, पीरजादा ने कहा कि मैं 50 साल कांग्रेस में रहा हूं, विभिन्न पदों पर काम किया, 4 बार मंत्री रहा हूं. मुझसे भूल हुई थी, मैं जज्बात में गया था और तकरीबन दो महीने मुझे नींद नहीं आई थी.

गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाते नजर आएंगे. ऐसे में गुलाम नबी आजाद के लिए राहुल गांधी का जम्मू कश्मीर में आना ही सपनों को चकनाचूर करने जैसा है. अब उम्मीद है कि राहुल गांधी की जम्मू कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा से पहले काफी सारे नेताओं को कांग्रेस में वापसी करते हुए देखा जा सकता है.

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