पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में कोरोना की लडाई को मजबूती से लडने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हालही में 2018 की एएनएम और जीएनएम भर्ती के 9 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का फैसला लिया है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2018 के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने से पहले शायद यह भूल गए कि वर्ष 2013 में उन्हीं की सरकार द्वारा निकाली गई नर्सिंग भर्ती के 6719 पदों पर एएनएम के और 4514 पदों पर जीएनएम भर्ती के शेष कुल 11233 अभ्यर्थी अपने संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पिछले 7 साल से नौकरी पाने की आस लगाए बैठे हैं.
दरअसल, पिछली गहलोत सरकार ने संविदा कर्मी एवं नए अभ्यर्थियों को समान रूप से स्थाई रोजगार देने के लिए फरवरी 2013 की नर्सिंग भर्ती के तहत 12278 पदों पर एएनएम और 15773 पदों पर जीएनएम की भर्ती निकाली थी. उस समय बोनस अंक के विरूद्ध में मामला हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक चला गया. इस दौरान राज्य में सत्ता का परिवर्तन हुआ और बीजेपी की वसुंधरा सरकार सत्ता में आई. वसुंधरा सरकार के दौरान 7 जनवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट से भर्ती का रास्ता साफ हो गया लेकिन बीजेपी सरकार ने नर्सिंग भर्ती 2013 के एएनएम व जीएनएम के पदों में कटौती करते हुए क्रमशः 5559 व 11259 पदों पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई. बाकी के क्रमशः एएनएम के 6719 और जीएनएम के 4514 पदों को बजट का अभाव बताते हुए लेप्स कर दिया गया.
एनएमभर्ती 2013 के अभ्यर्थियों ने पॉलिटॉक्स को बताया कि वसुंधरा सरकार ने सिर्फ राजनीतिक द्वेष्ता के कारण हमारी भर्ती के पदों में कटौती की जिसकी सबसे ज्यादा मार हम नए अभ्यर्थियों पर पड़ी है. अभ्यर्थियों ने आगे कहा कि हमारा भविष्य सिर्फ और सिर्फ नर्सिंग भर्ती 2013 में ही बन सकता है, अन्य किसी भी भर्ती में हमारा भविष्य नहीं बन सकता क्योंकि हमारी मेरिट फिक्स है.
अभ्यर्थियों ने पॉलिटॉक्स के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील करते हुए कहा कि हम 6700 अभ्यर्थियों को राहत दिलवाने की दिशा में कार्य करते हुए सबसे पहले नर्सिंग भर्ती 2013 के सभी 12778 पदों पर नियुक्ति करवाएं. अभ्यर्थियों ने आगे कहा कि हमारे पास नियुक्ति पाने का यह आखिरी मौका है. राजनीतिक द्वेष्ता के कारण हमें वसुंधरा सरकार ने नियुक्ति नहीं दी अब सीएम अशोक गहलोत वसुंधरा सरकार के द्वारा निकाली गई भर्ती के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे रहे है. जिसके तहत पहले हमें नियुक्ति मिलनी चाहिए.
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बता दें, 2013 के इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिलवाने के लिए नवलगढ से कांग्रेस विधायक राजकुमार शर्मा, नोहर से विधायक अमित चाचाण, जोधपुर से विधायक मनीषा पंवार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कोरोना महामारी को देखते हुए 2013 के बचे हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की मांग कर चुके है. गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते संकट काल में 2018 के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 9 हजार एएनएम और जीएनएम को नियुक्ति देने की घोषणा की है.