भ्रष्टाचार को कम करने की पीएम नरेंद्र मोदी की मुहिम में एक कदम और आगे बढ़ते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 22 पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया है. ये सभी पुलिसकर्मी वाराणसी के हैं और 50 साल की आयु पूरी कर चुके हैं. इन सभी पुलिसकर्मियों पर अनुशासनहीनता, कदाचार और भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं. इनमें कुछ कांस्टेबल और अन्य हेड कांस्टेबल हैं. इन सभी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा रही है.
पिछले दिनों गृह विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट और नकारा अफसरों को जबरन सेवानिवृत्ति देने के निर्देश दिए थे. योगी ने कहा था कि उन अधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत नहीं है जो कानून व्यवस्था के प्रति ईमानदार नहीं बरतते. मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अपराधियों से सांठगांठ रखने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान की जाए क्योंकि वर्दी के नाम पर कलंक बन चुके लोगों की विभाग में कोई जगह नहीं है.
मुख्यमंत्री योगी ने जेलों को अपराधियों के आराम और अपराध संचालन का अड्डा बनने पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. आंकड़े नहीं जनता के भरोसे को कानून-व्यवस्था का पैमाना बनाएं. इस भरोसे से ही जनता में सकारात्मक संदेश जाता है. रेंज स्तर पर ऐसे 10 अपराधियों की सूची बनाकर उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.