साल 2024 के सियासी कैलेंडर के 9वें पार्ट में हम लेकर आए हैं सितंबर माह का राजनीतिक हिसाब-किताब, जिसमें उन सभी बड़े सियासी घटनाक्रमों को शामिल किया है, जिन्होंने देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला है. इस महीने कुछ बड़े घटनाक्रम हुए, जो देशभर में चर्चा का विषय रहा. सितंबर के आखिरी सप्ताह में राजस्थान के एक बड़े नेता के साहबजादे का एक रील विवाद खास चर्चा में रहा, जिसके चलते सरकार पर भी विपक्षी हमले हुए. यह महीना आप के लिए फिर एक बड़ी राहत लाया. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव ने भी जमकर सुर्खियां बटौरी. अन्य कई अन्य घटनाक्रमों ने भी देश की राजनीति को अपनी ओर खींचा. आइए जानते हैं..
- डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के बेटे का रील विवाद
सितंबर के आखिरी सप्ताह में राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा अपने बेटे की एक रील को लेकर विवादों में घिर गए. रील में डिप्टी सीएम का बेटा अपने एक दोस्त के साथ ओपन जीप में सवार था. पुलिस की गाड़ी उसे एस्कॉर्ट कर रही थी. इस रील के कारण प्रेमचंद बैरवा पर चौतरफा हमले हुए. पार्टी में अंदरखाने से भी उन्हें नसीहत दी गई. बाद में प्रेमचंद बैरवा को बेटे की गलती पर माफी मांगनी पड़ी. विवाद बढ़ने पर प्रशासन ने इस्तेमाल की गई गाड़ी पर सात हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था.
- एक देश एक चुनाव पर बनी सहमति
‘एक देश, एक चुनाव’ पर बनी कोविंद समिति की रिपोर्ट को केन्द्रीय कैबिनेट से मंजूरी भी इसी महीने में मिली. विधि मंत्रालय के 100 दिवसीय एजेंडे के हिस्सा के रूप में कैबिनेट के सामने रिपोर्ट पेश की थी, जिसे कैबिनेट से मंजूरी मिल गई. अब इसे संसद में चर्चा के लिए रखा जाना था, जिसके लिए शीतकालीन सत्र का इंतजार किया जा रहा था.
- जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए. सितंबर में दो चरण में राज्य में मतदान कराया गया. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा. मेबबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने अलग रहकर चुनाव लड़ा. बीजेपी ने भी बिना किसी गठबंधन के सभी सीटों पर चुनाव लड़ा. इस दौरान एक दूसरे पर जमकर शब्दभेजी बाण छोड़े गए.
- आप के लिए रहा राहत भरा महिना
सितबंर का महीना आप आदमी पार्टी के लिए फिर एक बड़ी राहत लाया. इस माह आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई. दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद केजरीवाल जेल से बाहर आ गए. उन्हें यह राहत सुप्रीम कोर्ट ने दी. केजरीवाल से पहले पार्टी के कई बड़े नेताओं को इसी मामले में जमानत मिल चुकी थी जिसमें मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और विजय नायर भी शामिल थे.