sachin pilot
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sachin pilot vs Ashok Gehlot: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री व टोंक विधायक सचिन पायलट के अल्टीमेटम का आज आखिरी दिन है. सचिन पायलट ने बीती 15 मई को अपनी ही गहलोत सरकार को उनकी तीन मांगों के लिए आज 31 तक का अल्टीमेटम दिया था. पायलट ने मांगे नहीं मानने की दशा में प्रदेशभर में आंदोलन की चेतावनी दी थी. इस दौरान पायलट खेमें के लाडनूं से विधायक मुकेश भांकर ने कहा था अब याचना नहीं रण होगा. अब दिल्ली बैठक के बाद सियासी पंडितों को बेसब्री से पायलट के अगले कदम का इंतज़ार है. पायलट आज अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक के दौरे पर है, क्या आज पायलट करेंगे रण की घोषणा?

बीते सोमवार सीएम गहलोत व पायलट के बीच चले आ रहे गतिरोध को सुलझाने के लिए दिल्ली आलाकमान ने महत्वपूर्ण बैठक ली थी. इस बैठक के कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया के सामने कहा था, आने वाले चुनाव में दोनों ही नेता मिलकर कांग्रेस को जिताने के लिए काम करेंगे. दोनों ही नेताओं ने अपना निर्णय पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है. इस बैठक के बाद बीते दिन सीएम गहलोत ने पत्रकारों से कहा धैर्य रखने वालों को मौका मिलता है. धैर्य रखोगे तो मौके मिलेंगे, पहले भी मौके मिले हैं और आगे भी मिलेंगे. सीएम गहलोत बयान से साफ जाहिर है कि पायलट को अभी और धैर्य रखना पड़ेगा. ऐसे अब बड़ा सवाल यह है कि क्या पायलट रख पाएंगे और धैर्य? या करेंगे रण का ऐलान ?

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वहीं सचिन पायलट आज अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक के दौरे पर है. पायलट का आज का टोंक दौरा बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि आज ही पायलट का अपनी ही गहलोत सरकार को दिया अल्टीमेटम पूरा हो रहा है और कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात के बाद अब तक सचिन पायलट की कोई प्रतिक्रिया मीडिया के सामने नहीं आई है. ऐसे में माना जा रहा है कि पायलट अपने टोंक दौरे के दौरान सीएम गहलोत से हुई सुलह और कांग्रेस आलाकमान से मिले आश्वासन पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे. या फिर रण का एलान करेंगे ?

पायलट ने बीती 15 मई को उनके द्वारा अजमेर से जयपुर तक निकाली गई जनसंघर्ष पदयात्रा यात्रा की समापन सभा में अपनी ही गहलोत सरकार को तीन मांगों के साथ अल्टीमेटम दिया था. पायलट की मांग है कि आरपीएससी को भंग करके एक नए बोर्ड का गठन किया जाए. इसके साथ ही पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामले पर एक कमेटी का गठन कर कार्रवाई की जाए और पेपर लीक के अभ्यर्थियों को मुआवजा दिया जाए. पायलट की मांगों पर अभी तक गहलोत सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे में सियासी पंडितों के आज के टोंक दौरे और पायलट के द्वारा मीडिया में दी जाने वाली प्रतिक्रिया पर पैनी नज़र है. सियासी पंडितों के मन में सवाल घटक रहा है, क्या पायलट आज करेंगे रण की घोषणा ? या क्या पायलट बताएंगे कि अब सीएम गहलोत व उनके बीच अब सब कुछ हो चुका है सामान्य ?

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