Politalks.News/Maharashtra. हिंदुत्व से समझौते के आरोप लगने के एक दिन बाद शिवसेना ने अपनी चुप्पी तोड़ी. इस मुद्दे पर पलटवार करते हुए संजय राउत ने सोमवार को केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर क्यों भाजपा ने पूर्व हिंदुत्व विचारक को अब तक भारत रत्न नहीं दिया? शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली में भाषण के बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर सत्ता के लिए हिंदुत्व से समझौता करने का आरोप लगाया. कांग्रेस भी वीडी सावरकर की कई बार आचोलना कर चुकी है. बीजेपी के इन्हीं आरोपों पर शिवसेना ने केंद्र सरकार से पूछा कि आपने अपने पिछले छह साल से शासन में कई लोगों को यह पुरस्कार दिया लेकिन वीर सावरकर को भारत रत्न देने में आपको क्या परेशानी थी?
दरअसल शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली के दौरान रविवार को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कोविड-19 की स्थिति की वजह से विशाल शिवाजी पार्क की जगह यहां दादर इलाके में सावरकर हॉल में अपना संबोधन दिया था. इसके बाद प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने बाद में शिवसेना और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर सत्ता के लिए हिंदुत्व से समझौते का आरोप लगाया. उपाध्ये ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस द्वारा सावरकर की आलोचना पर एक शब्द नहीं कहा. अब उन्हें सावरकर प्रेक्षागृह से दशहरा रैली को संबोधित करना पड़ा.
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भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधे जाने के एक दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि शिवसेना कभी सावरकर से जुड़े मुद्दों पर चुप नहीं रही और कभी ऐसा करेगी भी नहीं. राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि वीर सावरकर हमेशा से शिवसेना और हिंदुत्व के प्रेरक रहे हैं. भाजपा का नाम लिए बगैर राउत ने कहा कि पार्टी को सावरकर पर शिवसेना के रुख को लेकर इतिहास खंगालना चाहिए.
संजय राउत ने कहा कि महान और हिंदुत्ववादी नेता वीर सावरकर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया जाना चाहिए लेकिन जो लोग हम पर सवाल उठा रहे हैं.. वे बताएं कि वीर सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं देते? आपने अपने पिछले छह साल से शासन में कई लोगों को यह पुरस्कार दिया लेकिन वीर सावरकर को भारत रत्न देने में आपको क्या परेशानी थी? पिछले 6 वर्ष बीतने के बाद भी भाजपा ने पूर्व हिंदुत्व विचारक को अब तक भारत रत्न क्यों नहीं दिया?
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बाद पिछले साल शिवसेना ने राज्य में लंबे समय से उसकी सहयोगी रही भाजपा का दामन छोड़ दिया था. शिवसेना ने कथित तौर पर सत्ता में साझेदारी और बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद संभालने के मुद्दे पर एक राय न होने के बाद यह कदम उठाया था. वर्तमान में प्रदेश में महाविकास आघाड़ी सरकार है जिसमें शिवसेना के साथ कांग्रेस भी साझेदार है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) इस गठबंधन में तीसरा सहयोगी दल है. इससे पहले शिवसेना को हमेशा से हिंदुत्व का पक्षकार माना जाता रहा है लेकिन संजय राउत और राकंपा चीफ शरद पवार ने धुरविरोधी कांग्रेस और शिवसेना को एक साथ लाने में प्रमुख भूमिका निभाई और तीन दलों की गठबंधन सरकार बना दी.