Politalks.News/Delhi. भारतीय जनता पार्टी ने बिहार चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद जेपी नड्डा ने अपनी नई टीम की घोषणा की गई. इस लिस्ट में कई दिग्गजों को आराम देकर युवा ब्रिगेड को मौका दिया गया. इसी सूची में युवा सांसद तेजस्वी सूर्या का भी नाम शामिल है जिन्हें पार्टी ने युवा सांसद तेजस्वी सूर्या को युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया है. सूर्या बेंगलुरु दक्षिण की सीट से युवा लोकसभा सांसद हैं और बीजेपी के फायरब्रांड नेता के रूप में अपनी छवि मजबूत कर रहे हैं. वे गैर हिंदूओं पर सीधे हमला बोलते हैं और खुद को पूरी तरह से कट्टर हिंदुत्व की छवि के साथ जनता के सामने पेश करते रहे हैं. युवाओं में उनकी पॉपुलर छवि है. महज 28 साल की आयु में सांसद बने सूर्या ने 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस महासचिव बीके हरिप्रसाद को तीन लाख 31 हजार 192 वोट से पटखनी देकर सबको चौंका दिया था.
आरएसएस सदस्य होने के चलते तेजस्वी सूर्या एक प्रखर वक्ता के तौर पर भी जाने जाते हैं. विवादों से उनका नाता गहरा है और भड़काऊं बयानबाजी उनका शौक. वेशभूषा भी उनकी एक कट्टर हिंदूत्व नेता वाली ही है. सांसद बनने के बाद तो उनके जुबानी वार पहले से कहीं गुना तीखे हो गए हैं. जैसा कि पहले भी बताया है, विवादों से उनका पुराना नाता रहा है. ऐसे कई मौके आए, जब उन्होंने भड़काऊं बयान दिए और उन पर जमकर बवाल मचा लेकिन सूर्या ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.
सूर्या ने इसी साल अगस्त के महीने में एक विवादित ट्वीट किया था. उन्होंने हिंदूत्व धर्म को बचाने के लिए सत्ता पर हिंदुओं के कब्जे को जरूरी बताया. तेजस्वी ने ट्वीट में लिखा, ‘प्यारे हिंदुओं, अपने धर्म को बनाए रखने के लिए सत्ता पर हिंदुओं का कब्जा जरूरी है. जब हम सत्ता में नहीं थे तो हमारे मंदिर तोड़े गए अब हम सत्ता में है तो दोबारा मंदिर बनाने जा रहे हैं. साल 2014 में 282 सीटें और 2019 में 303 सीटों की बदौलत मोदी जी के लिए ऐसा करना संभव रहा.’
इससे पहले सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस्लाम धर्म की औरतों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी जिस पर कई महिला संगठनों ने भी आपत्ति जताई थी. सूर्या ने तारेक फतेह को कोट करते हुए लिखा था, ‘पिछले कई सैकड़ों सालों से 95 प्रतिशत अरब महिलाओं को यौन संबंधों के दौरान चरमोत्कर्ष नहीं मिला है. हर मां ने बच्चों को जन्म दिया है लेकिन उन्हें प्यार नहीं मिला.’ इस पर मुस्लिम महिलाओं ने भी नाराजगी जताई थी.
इसके अलावा नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान भी उन्होंने प्रदर्शनकारियों को ‘पंचरवाला’ बता दिया था. सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, ‘जो लोग बेंगलुरु के आईटी सेक्टर में काम करते हैं, वकील, इंजीनियर्स, जो विकास में अपना योगदान देते हैं, रोजमर्रा के कामगार, रिक्शा ड्राइवर सभी इस रैली में साथ खड़े हैं. लेकिन ये अनपढ़, अगर तुम इनका सीना चीर के देखोगे तो तुम्हें दो शब्द भी नहीं मिलेंगे, पंक्चरवालों की तरह सिर्फ यही लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं.’ उनके इस बयान पर भी जमकर बवाल मचा था लेकिन उनकी जुबान का तीखापन कभी कम नहीं हुआ.
गौरतलब है कि लंबी मशक्कत के बाद तैयार की गई राष्ट्रीय पदाधिकारियों की टीम से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिग्गज़ राम माधव, मुरलीधर राव, सरोज पांडे और अनिल जैन की महासचिव पद से छुट्टी कर दी. इसी तरह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से उमा भारती, विनय सहस्रबुद्धे, प्रभात झा, ओम माथुर, श्याम जाजू, अविनाश राय खन्ना और रेणू देवी जैसे दिग्गजों की छुट्टी कर उनके स्थान पर नए चेहरों को मौका दिया गया है. नड्डा ने पार्टी के विभिन्न मोर्चों में भी व्यापक बदलाव करते हुए लगभग सभी पुराने अध्यक्षों को हटाकर नए चेहरों को अवसर दिया है. 29 वर्षीय सांसद तेजस्वी सूर्या का नाम भी उसी युवा टीम में शामिल है.