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राजस्थान की राजधानी जयपुर में तीन दिवसीय राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट का बुधवार को समापन हो गया. इस समिट में करोड़ों रुपए के एमओयू साइन हुए हैं जिससे प्रदेश की दशा और दिशा सुधरने की संभावना व्यक्त की जा रही है. देशभर में इस समिट की चर्चाएं हैं लेकिन राजस्थान में राइजिंग राजस्थान को लेकर सियासी हलचलों का दौर भी उफान पर है. इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जो अब चर्चा का विषय बनती जा रही है. ​

समिट के समापन वाले दिन सीएम ने हथियारों की स्टॉल पर प्रदर्शनी देखी, जहां उनकी एक तस्वीर सामने आई, इसमें वें एक गन लेकर निशाना साधते हुए दिख रहे हैं. इसको लेकर सियासी जानकर और सोशल मीडिया यूजर्स कई मायने निकाल रहे हैं. सोशल मीडिया यूजर्स कर रहे हैं कि सीएम भजनलाल का यह निशाना, कहीं कांग्रेस की तरफ तो नहीं है…

दो साल बाद हर एमओयू का होगा हिसाब

मुख्यमंत्री भजनलाल ने समिट के समापन पर संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. सीएम ने कहा, ‘आज का दिन बहुत शुभ है. आज गीता जयंती है. आज ही के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को उपदेश देकर कर्म की महत्वता को समझाया. आइए हम सभी मिलकर कर्म की महत्वता को ध्यान में रखते हुए राजस्थान को नई ऊंचाइयों पर ले चलें. भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि हम सिर्फ कर्म करने हैं. फल की चिंता नहीं करनी है, जो हमारे मिशन पर शक कर रहे हैं उन्हें एक दिन हम पर गर्व होगा.’

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सीएम ने आगे कहा कि दो साल बाद राइजिंग राजस्थान फिर से होगा, तब मैं जनता को एमओयू का हिसाब दूंगा और उन्हें बताऊंगा कि हमारी सरकार कितने निवेश को धरातल पर उतार पाई. इस दौरान सीएम भजनलाल ने कांग्रेस के आरोपों का शायरी पढ़कर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि ‘आदत बन गई है, बिना करने की तुम्हें शक, इस धरा पर जो उतरेगा, उसे पर होगा सबको एक दिन गर्व.’

धरातल पर भी उतरे एमओयू – डोटासरा

जयपुर में राइजिंग राजस्थान और करोड़ों रुपए के हुए एमओयू को लेकर सियासत एवं जमकर बयानबाजी भी हो रही है. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भजनलाल सरकार पर कटाक्ष कसते हुए कहा कि एमओयू केवल कागजों पर नहीं हो, धरातल पर भी उतरे. उन्होंने कहा कि इस समिट के बाद प्रदेश की जनता यह भी जानना चाहेगी कि इसके बाद कितना निवेश हुआ और इससे कितना रोजगार मिला. एमओयू की बड़ी श्रंखला दिखाना चाहती है, इससे ना तो राजस्थान राइजिंग होगा और ना ही लोगों को रोजगार मिलेगा. इसे धरातल पर उतारने के प्रयास सरकार को करने होंगे और लॉ एंड ऑर्डर को भी सुनिश्चित करना होगा.

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