श्रीनगर से लौटते वक्त राहुल गांधी के सामने कश्मीरी महिला ने बयां किया दर्द, प्रियंका ने साधा निशाना

श्रीनगर से लौटते वक्त राहुल गांधीकांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जम्मू-कश्मीर मामले का ‘राजनीतीकरण’ करने का आरोप लगाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर में लोकतांत्रिक अधिकारों को समाप्त करने से अधिक ‘राजनीतिक’ और ‘राष्ट्र-विरोधी’ कुछ नहीं है. प्रियंका ने यह भी कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाना बंद नहीं करेगी.

गौरतलब है कि शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में 8 विपक्षी दलों के 11 नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल धारा 370 हटाये जाने के बाद कश्मीर घाटी में हालातों का जायजा लेने कश्मीर गया था. हालांकि उन्हें श्रीनगर हवाई अड्डे से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गई और वापस दिल्ली भेज दिया गया था.

इसके बाद रविवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर कश्मीर में लगे प्रतिबंधों को लेकर निशाना साधा और घाटी के लोगों को चुप कराकर देश विरोधी कदम उठाने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस संबंध में दो ट्वीट किए. पहले प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें एक महिला श्रीनगर से उड़ान भरने वाले विमान में राहुल गांधी को अपने परिवार और प्रियजनों को होने वाली परेशानियां बताती दिखाई दे रही है. वह महिला बताती है कि कैसे वे लोग अपने बच्चों को लेकर असुरक्षा महसूस कर रहे हैं.

प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा , ‘आखिर यह कब तक जारी रहेगा? यह (वीडियो में दिखाई गई महिला) उन लाखों लोगों में से एक है, जिन्हें राष्ट्रवाद के नाम पर चुप कराया जाता है और कुचल दिया जाता है. यह उन लोगों के लिए है जो विपक्ष पर कश्मीर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हैं।’

प्रियंका गांधी ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘कश्मीर में हो रहे सभी लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म करने से ज्यादा कुछ राजनीतिक और राष्ट्र विरोधी नहीं हो सकता है. यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम इसके खिलाफ आवाज उठाएं. हमें ऐसा करना बंद नहीं करना चाहिए.’ वीडियो में महिला घाटी की परिस्थिति को लेकर बात करती है.

यह महिला राहुल से उसी विमान में मिली जिसमें वह विपक्षी दलों के नेताओं के साथ दिल्ली वापस जा रहे थे क्योंकि प्रशासन मे उन्हें श्रीनगर हवाई अड्डे से बाहर नहीं जाने दिया. दिल्ली वापस आकर राहुल ने कहा कि “जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं, हम जानना चाहते हैं कि वहां लोग किन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं और हम उनकी मदद कैसे कर सकते हैं. लेकिन दुर्भाग्य से हमें हवाई अड्डे से बाहर नहीं जाने दिया गया और हमारे साथ मौजूद प्रेस के लोगों के साथ बदसलूकी भी की गई.

बता दें, केंद्र की मोदी 2.0 सरकार ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया था. जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक बयान जारी कर विपक्ष के नेताओं से कहा था कि वह घाटी का दौरा नहीं करें क्योंकि इससे क्षेत्र में वापस लौट रही शांति और सामान्य जन जीवन में बाधा आएगी. विपक्षी नेताओं के कश्मीर दौरे को लेकर भाजपा ने आरोप लगाया था कि विपक्ष इस संवेदनशील मुद्दे का ‘राजनीतीकरण’ कर रहा है.

Google search engine