सचिन पायलट की जन संघर्ष पदयात्रा का समापन, सचिन पायलट ने जनसभा में किया ऐलान, पहली मांग आरपीएससी बंद हो, दूसरी मांग पेपर लीक के नौजवानो को मुआवजा मिले, तीसरी मांग वसुंधरा राज के घोटाले की जांच हो, इस महीने के आखरी तक ये मांगे नहीं मानी गई तो पूरे प्रदेश में आंदोलन करूंगा, याचना नहीं रण होगा, पायलट ने सभा को संबोधित करते हुए कहा- आप सब जानते हो 2013 में हमारी सरकार चली गई थी, तब कांग्रेस के 21 विधायक बचे थे, उस समय मुझे सोनिया, राहुल गांधी ने राजस्थान की जिम्मेदारी दी थी, 2018 तक वसुंधरा सरकार का मैंने कड़ा विरोध किया, वसुंधरा शासन में खुली लूट मची थी उसका विरोध किया, तब सरकार हमारी बनी तो हमारा दायित्व था भ्रष्टाचार पर कार्रवाई हो, साढ़े चार सालों में वादे पूरे नहीं हुए, मुख्यमंत्री को जांच के लिए चिट्ठी लिखी, डेढ़ साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, अनशन रखा उसके 1 माह तक भी कुछ नहीं हुआ, सीएम गहलोत की नीति जो अपने ही विधायकों को बदनाम करें, भाजपा के विधायकों की तारीफ करें, मुझे हर बार बदनाम किया गया, जन संघर्ष पदयात्रा है नौजवानों के कलेजे में आग लगाने के लिए, यह समर्थन मुझे नहीं मेरे मुद्दों को मिला, मुझे और मेरे परिवार को राजनीति में हो गए है 40 साल पूरे, जनता की सेवा करने का मुझे भी मौके मिले, मेरे काम करने के तरीकों को सब जानते है, विरोधी भी मेरे ऊपर अंगुली नहीं उठा सकते, वादा करना चाहता हूं मैं किसी पद पर रहूं या ना रहूं, राजस्थान की जनता की सेवा आखिरी सांस तक करता रहूंगा, प्यार से मांगों तो काट कर दे देंगे, खून पसीना बहा देंगे, जो भी कुर्बानी देनी होगी वो देने के लिए तैयार हूं, कर्नाटक में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा, 25 सितंबर को पार्टी का अपमान किया गया, हमें फिर सरकार बनाकर दिखानी हैं, भ्रष्टाचार से पेपर लीक होते हैं, हमारी कथनी और करनी में फर्क नहीं होना चाहिए,