Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच जारी खींचतान को कम करने के लिए प्रदेश प्रभारी अजय माकन सुलह फॉर्मूले पर काम करने में जुटे हैं. माकन ने 2 दिन के दौरे के दौरान CM गहलोत के साथ मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और कांग्रेस संगठन में नियुक्तियों पर सहमति बनाने को लेकर चर्चा की है. क्या सचिन पायलट ने जो कल कहा कि सभी को प्रदेश प्रभारी अजय माकन की बात सुननी चाहिए, क्या वो कोई इशारा था?. सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में सचिन पायलट खेमे से मंत्रियों की संख्या को लेकर गहलोत अभी सहमत नहीं हैं. गहलोत विधायकों की संख्या के अनुपात में मंत्री बनाने का तर्क दे रहे हैं, जबकि पायलट खेमा पहले से ज्यादा प्रतिनिधित्व मांग रहा है. गहलोत शेयरिंग फॉर्मूले पर राजी नहीं है. बाकी राजनीतिक और संगठन में पायलट समर्थकों की नियुक्तियों पर सहमति बनी है.
अजय माकन अपने राजस्थान दौरे का फीडबैक अब आलाकमान को देंगे, माकन ने कहा है कि मंथन हुआ है अमृत निकलेगा, लेकिन ये नहीं बताया कि कब तक पूरे सियासी संग्राम की आग ठंडी होगी. जैसा कि माना जा रहा है कि दोनों की कैंप अपनी मांगों पर अड़े हैं तो क्या राजस्थान में कांग्रेस के लिए भविष्य का रास्ता कांटों भरा हो सकता है
क्या केवल मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर है रार!
सचिन पायलट कैंप 10 महीने से पुराने मुद्दों के समाधान की मांग कर रहा है. पायलट कैंप जल्द मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों, जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन बनाने की मांग कर रहा है. इन सब में पायलट कैंप बराबर की भागीदारी और पावर चाहता है. माकन और गहलोत के बीच दो दिन तक हुए लंबे मंथन में राजनीतिक नियुक्तियों और संगठनात्मक नियुक्तियों पर तो सहमति बन चुकी है, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में अभी स्थिति जस की तस बताई जा रही है.
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मंत्रियों की संख्या पर अटकी बात!
सचिन पायलट कैंप से मंत्री बनाने में शेयरिंग पैटर्न पर बात अटक गई है. बताया जा रहा है कि अब तक पायलट कैंप को मंत्रिमंडल में उनकी मांगों के हिसाब से मंत्री बनाए जाने पर सहमति नहीं बनी है. सूत्रों की माने तो गहलोत शेयरिंग पैटर्न को मानने के लिए तैयार नहीं है, जबकि पायलट कैंप जिस पर अड़ा हुआ है.
सहमति के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार!
सचिन पायलट कैंप के विधायकों को मंत्री बनाए जाने के फॉर्मूले पर सहमति बनाने के लिए प्रभारी अजय माकन कवायद में जुटे हैं. सहमति बनते ही प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता साफ हो जाएगा. सचिन पायलट कैंप भी इस बार कुछ लचीला रुख अपना सकता है. क्योंकि सरकार बने ढाई साल का वक्त बीत चुका है. अब जैसे जैसे समय बीत रहा है मंत्रिमंडल विस्तार का दबाव भी बढ़ रहा है.
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आलाकमान कर रहा डैमेज कंट्रोल का प्रयास
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी हाईकमान अब राजस्थान में और विवाद बढ़े, इससे पहले ही डैमेज कंट्रोल करने के प्रयास में हैं. इसके तहत ही अजय माकन ने जयपुर में सीएम से लंबी बैठकें करके सत्ता संगठन में पायलट कैंप की भागीदारी पर सहमति बनाने की कवायद की है. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार पर सहमति बनाने के लिए माकन, गहलोत के साथ एक दौर की बैठक और कर सकते हैं. माकन ने इस बार के दौरे में सचिन पायलट से मुलाकात नहीं की. मुलाकातों के मामले में पायलट ने कहा था- ‘माकन साहब से मिलना होता रहा है, और आगे भी होता रहेगा’.