दिल्ली में विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन, वोटर वेरिफिकेशन और चुनाव में वोट चोरी के आरोप पर विपक्ष के 300 सांसदों ने सोमवार को संसद से चुनाव आयोग के ऑफिस तक निकाला मार्च, इस दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया गया, इसके बाद उन्हें पार्लियामेंट पुलिस स्टेशन ले गई, वही इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर साधा निशाना, राजस्थान के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा- वोट चोरी के विरोध में मार्च निकाल रहे कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी जी, सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा जी समेत अन्य सांसदों को हिरासत में लिया जाना बेहद निंदनीय एवं लोकतंत्र पर कुठाराघात है, डेमोक्रेसी में विपक्ष को अपनी बात उठाने का अधिकार है और प्रदर्शन, मार्च इत्यादि के जरिए ही वो अपने मुद्दों पर जनता की आवाज को बुलंद करते हैं, प्रदर्शन करते नेताओं को हिरासत में लेना उनके इस अधिकार का हनन है, गहलोत ने आगे कहा- केन्द्र सरकार एवं चुनाव आयोग श्री राहुल गांधी द्वारा तथ्यों के साथ लगाए गए वोट चोरी के आरोप की जांच करने की बजाय ध्यान भटकाने के लिए दूसरे रास्ते अपना रहे हैं, नेता प्रतिपक्ष तो क्या किसी आम आदमी या मीडिया संस्थान द्वारा भी इतनी बड़ी अनियमितताएं सामने लाने पर चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि उनकी जांच करवाए पर चुनाव आयोग का ऐसा रुख इस संस्था में आमजन के विश्वास को खत्म कर रहा है, वही सचिन पायलट ने कहा- आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी जी के साथ विपक्षी दलों ने वोट चोरी के खिलाफ इलेक्शन कमीशन तक मार्च निकाला, इस मार्च को बीच में ही रोककर खरगे जी, राहुल जी समेत सभी सांसदों को हिरासत में ले लिया गया, भाजपा सरकार डरी हुई है और इस प्रकार विपक्षी दलों की आवाज़ दबाने का प्रयास कर रही है, कांग्रेस पार्टी सहित विपक्ष की मांगें साफ है कि इलेक्शन कमीशन पारदर्शिता दिखाते हुए -डिजिटल वोटर लिस्ट और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराए



























