चुनाव आए तो ‘महंत’ जी को याद आया ‘ब्रज’, राममंदिर के बाद मथुरा-काशी में वोट दिलाने की क्षमता

चुनाव से पहले बीजेपी को याद आई मथुरा, योगी सरकार ने मथुरा के सात शहरों में मांस-मदिरा की बैन, मंदिर आंदोलन वालों को याद होगा नारा, 'अयोध्या तो झांकी है, मथुरा काशी बाकी है', सियासी जानकारों का कहना- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राममंदिर में नहीं वोट दिलाने की क्षमता!, तो योगी जी ने किया मथुरा का रुख!, काशी को रखा जाएगा रिजर्व में!

चुनाव से ठीक पहले 'महंत' जी का मिशन मथुरा
चुनाव से ठीक पहले 'महंत' जी का मिशन मथुरा

Politalks.News/Uttarpardesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं रह गया है. आखिरकार भाजपा और राज्य सरकार को मथुरा की याद आ ही गई. सियासी जानकारों का कहना है कि इसका अंदाजा पहले से लगाया जा रहा था की चुनाव नजदीक आने पर अयोध्या के साथ साथ मथुरा और काशी की याद आएगी. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा में आयोजनों में भाग लिया और हिंदुत्व का एजेंडा साधते हुए. ब्रज क्षेत्र में मांस-मदिरा पर बैन लगा दिया. बीजेपी को मथुरा की याद आना वो भी साढ़े चार साल बाद सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. अयोध्या आंदोलन के समय विश्व हिंदू परिषद का यह नारा था कि, ‘अयोध्या तो झांकी है, मथुरा-काशी बाकी है’. भाजपा के नेता भी यह नारा लगाते थे. चूंकि अयोध्या में अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण शुरू हो गया है इसलिए उसमें वोट दिलाने की बहुत क्षमता नहीं है. लेकिन मथुरा और काशी में काफी संभावना हैं.

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (काशी) में विश्वनाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण का प्रोजेक्ट जोर शोर के चल रहा है. गंगा किनारे से मंदिर तक एक कॉरीडोर बन रहा है. पर यह अभी स्पष्ट नहीं है कि विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोई अभियान विधानसभा चुनाव से पहले चलेगा या इसे आगे के चुनाव के लिए आरक्षित रखा जाएगा. पिछले दिनों अंग्रेजी के एक साप्ताहिक अखबार में इसे लेकर बड़ी स्टोरी छपी, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद के पुनर्निर्माण की जरूरत बताई गई. भाजपा के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस स्टोरी को ट्विट भी किया.

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इसी तरह मथुरा में भगवान कृष्ण के मंदिर के साथ ईदगाह है, जिसे हटाने का हिंदू संगठनों का पुराना एजेंडा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों मथुरा के दौरे में ब्रज के विकास और सौंदर्यीकरण की बात कही, जिसकी शुरुआत करते हुए उन्होंने मथुरा में शराब और मांस की बिक्री पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया. आप गौर कीजिए कि साढ़े चार साल तक सरकार चलाने के बाद ‘महंत’ जी को अचानक ध्यान आया कि कृष्ण की जन्मस्थली पर मांस और शराब की बिक्री नहीं होनी चाहिए. मथुरा में 40 फीसदी के करीब आबादी मुस्लिम और दलित की है. इनके अलावा भी मांस खाने वाले दूसरे समुदाय में भी लोग हैं. इसके कारोबार से जुड़े लोगों की संख्या भी अच्छी खासी है. लेकिन सरकार को चुनाव को धार्मिक रंग देना है इसलिए सबको दूध बेचने के कारोबार में लगाने का ऐलान कर दिया गया.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा के वृन्दावन, गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन एवं बलदेव में जल्द ही मांस और शराब की बिक्री बंद कर इन कार्यों में लगे लोगों का अन्य व्यवसायों में पुनर्वास किया जाएगा’. भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर आयोजित कार्यक्रमों में सम्मिलित होने और श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान के दर्शन करने सोमवार को मथुरा पहुंचे मुख्यमंत्री ने इस मौके पर रामलीला मैदान में आयोजित एक जनसभा को भी संबोधित किया. उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का मिशन मथुरा चौंकाने वाला नहीं है. इस तरह के ‘मनमाने’ फैसले आने वाले दिनों में बहुत देखने को मिलेंगे.

 

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