Politalks.News/Rajasthan. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर कांड के विरोध में राजस्थान कांग्रेस के नेताओं ने यूपी बॉर्डर पर पहुंचकर पैदल मार्च अचानक टाल दिया. प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भरतपुर जिले के ऊंचा नगला बॉर्डर से लखीमपुर खीरी तक पैदल मार्च निकालने की घोषणा की थी, लेकिन बॉर्डर पर पहुंचने के बाद लखीमपुर खीरी तक पैदल मार्च टालने की घोषणा कर दी. डोटासरा ने कहा कि, ‘प्रियंका गांधी को रिहा कर दिया गया इसलिए अब वह लखीमपुर खीरी नहीं जाएंगे’. जयपुर से लाव लश्कर के साथ भरतपुर पहुंचे पीसीसी चीफ डोटासरा ने यूपी बॉर्डर पर सांकेतिक पैदल मार्च निकाला और पुतला दहन करके वापस लौट आए. लेकिन डोटासरा का कार्यकर्ताओं के साथ इस तरह बिना किसी प्लानिंग के जाना और फिर पुलिस के बिना रोके ही वापस लौट आना सवालों के घेरे में आ गया है.
सियासी गलियारों में इसको लेकर चर्चा है कि ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेसियों ने अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया. मजे की बात यह है कि यूपी बॉर्डर में घुसते समय योगी सरकार की पुलिस ने कांग्रेस के किसी कार्यकर्ता को नहीं रोका. फिर अचानक वापस लौटने का फैसला किस आधार पर लिया गया. डोटासरा का तर्क भी नहीं पचता है क्योंकि प्रियंका गांधी को तो एक दिन पहले बुधवार की शाम को ही रिहा कर दिया गया था. तो जब रिहा ही कर दिया गया था तो फिर आज पैदल मार्च क्यों रखा गया. सियासी गलियारों में तो चुटकी भी ली जा रही है कि डोटासरा जी को कल धरियावद और वल्लभनगर जाने की जल्दी तो नहीं है. कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि योगी की पुलिस से डर गए कांग्रेस के कार्यकर्ता!.
यूपी बॉर्डर तक किया पैदल मार्च, फिर पुतला फूंक लौटे
उत्तरप्रदेश के लखीमपुर कांड के विरोध में राजस्थान कांग्रेस के नेताओं ने यूपी बॉर्डर पर पहुंचकर सांकेतिक पैदल मार्च किया. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भरतपुर जिले के ऊंचा नगला बॉर्डर से लखीमपुर खीरी तक पैदल मार्च निकालने की घोषणा की थी, लेकिन यूपी बॉर्डर पर पहुंचने के बाद लखीमपुर खीरी तक पैदल मार्च टालने की घोषणा कर दी. डोटासरा ने कहा कि, dota कांग्रेस नेताओं ने बॉर्डर पर सभा करके की पुतला दहन कर औपचारिकता निभा दी’.
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आनन-फानन में की गई थी तैयारी
राजस्थान कांग्रेस ने बुधवार को ही लखीमपुर खीरी तक पैदल मार्च की घोषणा की थी. आनन-फानन में भरतपुर के प्रभारी सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बुधवार को ही बैठकें लेकर कार्यकर्ताओं को पैदल मार्च की जिम्मेदारी दी थी. कांग्रेस नेता ऊंचा नगला बॉर्डर पहुंचे तो यूपी पुलिस ने किसी को नहीं रोका, लेकिन अचानक कांग्रेस नेताओं ने खुद ही लखीमपुर खीरी तक पैदल मार्च टाल दिया. इससे पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा लाव लश्कर के साथ जयपुर से भरतपुर पहुंचे. विरोध स्वरूप एक विशाल जनसभा को संबोधित किया.
कांग्रेस पीड़ित किसानों के साथ- डोटासरा
सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि, ‘कांग्रेस किसान नरसंहार में पीड़ित परिवारों साथ खड़ी है. यूपी की बीजेपी सरकार ने संवदेनहीनता की हदें पार कर दी हैं. पीड़ित किसानों से मिलकर संवेदना जताने जा रहे नेताओं के साथ जिस तरह का बर्ताव यूपी सरकार ने किया वह पूरे देश ने देखा है’. कांग्रेस का हर कार्यकर्ता पीड़ित किसानों के साथ खड़ा है. किसानों के दुख में हम चुपचाप नहीं बैठ सकते’.
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‘मोदी और शाह के पास नहीं है किसानों से मिलने का समय’
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि, ‘हमने उन किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लखीमपुर खीरी जाने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक महिला होने के बावजूद प्रियंका गांधी के साथ दुर्व्यवहार किया. हम इसकी कड़ी निंदा करते है. केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार 2014 में झूठे वादे करके सत्ता में आई और पांच साल बाद सेना के पीछे छुपकर फिर से सत्ता में लौटी’. डोटासरा ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पांच सालों में किए गये कामों का हिसाब नहीं दिया और लोगों को गुमराह करके फिर से सत्ता में आ गये’. डोटासरा ने कहा कि, ‘किसान पिछले दस महीने से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह के पास उनके मिलने का समय नहीं है. कानून की मांग किसने की थी? किसी किसान नेता, किसी राजनीतिक दल ने कृषि कानूनों की मांग नहीं उठाई थी’
आगे भी जारी रहेगा विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस नेताओं ने पहले यूपी बॉर्डर पार नहीं करने देने पर गिरफ्तारी देने का प्लान बनाया था, बाद में इसे टाल दिया गया. यूपी बॉर्डर पर प्रदर्शन और सभा के बाद कांग्रेस नेता वापस लौट गए. कांग्रेस नेता आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन जारी रख सकते हैं. कांग्रेस ने सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया था. आगे भी कांग्रेस इस मुद्दे को जोर शोर से उठाने की रणनीति बना रही है.