Thursday, January 16, 2025
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सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के तिहाड़ जाकर चिदंबरम से मिलने के राजनीतिक मायने

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आईएनएक्स मीडिया (INX Media) मामले में पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेसी नेता पी.चिदंबरम (P.Chidambaram) तिहाड़ जेल में हैं. दिल्ली की एक अदालत ने 19 सितम्बर को चिदंबरम की न्यायिक हिरासत की अवधि तीन अक्टूबर तक बढ़ा दी है. इसका मतलब ये है कि अब पी.चिदंबरम तीन अक्टूबर तक जेल में ही रहेंगे. सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने तिहाड़ जेल पहुंच चिदंबरम से मुलाकात की और उनके हालचाल पूछे. इस दौरान उनके साथ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) भी रहे. ये पहली बार है कि सोनिया गांधी और मनमनोहन सिंह ने किसी जेल में पहुंच किसी कैदी के हालचाल जाने हो.

अब राजनीतिक गलियारों में दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के चिदंबरम से जेल जाकर मिलने के काफी तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. ये इसलिए भी है क्योंकि आज से पहले कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व पीएम कभी किसी से भी मिलने इस तरह की जगह पर नहीं पहुंचे. विपक्ष तो छोड़िए, पक्षधारी नेता भी इस मुलाकात के बारे में कुछ भी बता नहीं पा रहे हैं. सीनियर नेता इस बारे में केवल इतना ही बता पा रहे हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है.

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते सोनिया गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के नाते डॉ.मनमोहन सिंह इस बात को भली-भांति समझते है। कि मोदी सरकार ने सत्ता में वापसी के बाद कांग्रेस पार्टी और पार्टी के नेताओं को जनता के सामने भ्रष्टाचारी साबित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. यही वजह है कि कांग्रेस के पी.चिदंबरम और डीके शिवकुमार जैसे वरिष्ठ नेता जेल की सलाखों के पीछे हैं. पार्टी के कई नेताओं पर सीबीआई और ईडी की जांच चल रही है. खुद सोनिया गांधी और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड केस में जमानत पर हैं. पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ भी ईडी जांच चल रही है और कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए केंद्र सरकार इन मिले मौकों को जरूर भुनाने का प्रयास करेगी.

ऐसे में सोनिया गांधी अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को इस मुलाकात के जरिए ये संदेश देना चाहती हैं कि मोदी सरकार केवल बदले की भावना से कांग्रेस के नेताओं को जेल में ठूस रही है. ऐसे बुरे वक्त में भी कांग्रेस एक है और अपने नेताओं के साथ खड़ी है.

असल में जब पी.चिदंबरम देश के गृहमंत्री थे, तब उन्होंने अमित शाह को तीन महीने तक एक मामले में जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया था. अब अमित शाह देश के होम मिनिस्टर हैं तो उन्होंने केवल बदले की कार्यवाही करते हुए चिदंबरम को तिहाड़ पहुंचवाया है. वहीं डीके शिवकुमार को हाल में कर्नाटक संकट के बीच बागी विधायकों को मनाने की कोशिश करने का इनाम मिला है.

इससे पहले भी सोनिया गांधी सभी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों को कह चुकी है कि सभी प्रदेशाध्यक्ष अपने-अपने राज्यों में कांग्रेस नेताओं की हो रही गिरफ़्तारी को लेकर यह संदेश जनता के बीच पहुंचाएं कि जांच एजेंसियां कांग्रेस और अन्य विपक्ष के नेताओं को परेशान कर रही है एवं कईयों को जेल में डाल रही है. ऐसी संकट की घड़ी में सोनिया गांधी का अपने नेताओं के साथ खड़े होना कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में एक बूस्टर डोज़ का काम करेगा.

माना ये भी जा रहा है कि सोनिया गांधी इसके बाद कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिव कुमार (DK ShivKumar) से भी मुलाक़ात करेंगी. मनीलॉड्रिंग मामले में शिव कुमार ईडी की कस्टडी में हैं. इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने भी तिहाड़ पहुंच पी.चिदंबरम से मुलाकात की थी.

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