सियासी जादूगरी में उलझे डोटासरा लोगों की तो बिसात क्या? ट्विटर पर लिखा- मानसून सत्र का पहला दिन

मानसून या बजट सत्र! इसको लेकर सभी कंफ्यूज, माननीय भी कर गए गलती, वैसे माने जाते हैं नियमों के जानकार, सियासी गलियारों में चर्चा ये गलती है या लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश

क्या 'जानते बूझते' मानसून सत्र बता गए डोटासरा!
क्या 'जानते बूझते' मानसून सत्र बता गए डोटासरा!

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र है या बजट सत्र की बैठक…! इसको लेकर आमजन तो कंफ्यूज हैं ही, वहीं कुछ माननीय भी इसको लेकर असमंजस में हैं. इसमें भी मजे की बात यह है कि राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को इस बात की जानकारी ना हो तो कहने ही क्या?. विधानसभा के सत्र के पहला दिन बीत जाने के बाद Office of Govind Singh Dotasra ट्विटर ऑफिस पेज पर लिखा गया ‘मानसून सत्र का पहला दिन’.

आपको बता दें कि राजस्थान विधानसभा में जो बैठक आ से शुरू हुई है वो मानसून सत्र की नहीं ये बजट सत्र की ही बैठक है. राजस्थान में नए रिकॉर्ड के साथ आज से विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई है. इतिहास में पहली बार बजट सत्र को ही 5 महीने से भी ज्यादा जारी रखते हुए विधानसभा सदन की बैठक बुलाई गई है. दिल्ली की तर्ज पर राज्यपाल को बायपास करके बिना सत्रावसान किए ही विधानसभा सत्र की बैठक बुलाने पर प्रदेश भाजपा पहले भी सवाल उठा चुकी है. विधानसभा के रिकॉर्ड में हाल के वर्षों में, पहली बार हो रहा है जब बजट सत्र को ही करीब छह माह जारी रखा गया हो.

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विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही को 19 मार्च को स्थगित किया था. अब तक 173 दिन आज सदन की बैठक बुलाई गई है, लेकिन अभी सदन का सत्र छठवां ही है. आम तौर पर विधानसभा के किसी भी सत्र की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के बाद महीने-दो महीने बाद सत्रावसान के लिए फाइल राजभवन को भेज दी जाती है. फिर राज्यपाल विधानसभा का सत्रावसान करने के आदेश देते हैं. इस बार बजट सत्र के पांच महीने बीत जाने के बाद भी गहलोत सरकार ने सत्रावसान की फाइल को राजभवन नहीं भेजा और बजट सत्र को ही जारी रखा. हालांकि सियासी गलियारों में इसको लेकर भी कई तरह की चर्चाएं जोरों पर हैं.

अब गहलोत सरकार के खास ‘सिपहसालार’ पीसीसी चीफ और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने द्वारा द्वारा ट्विटर पर लिखा जाना मानसून सत्र का पहला दिन लोगों को पच नहीं रहा है. या तो वो लोगों को गुमराह कर रहे हैं या फिर जयपुर जिला प्रमुख चुनाव में मिली हार के सदमे से उभर नहीं पाए हैं. हालांकि माना जाता है गोविंद सिंह डोटासरा विधानसभा की कार्यवाही और नियमों के खासे जानकार हैं. हर नियम और कायदे उनके टिप्स पर हैं. फिर कैसे कर गए इतनी बड़ी गलती?.

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