पॉलिटॉक्स न्यूज/बिहार. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना संकट के चलते जागरूकता फैलाने के लिए क्या कुछ नहीं किया. पीएम मोदी ने सेतू एप बनवाया ताकि लोग फोन पर ही कोरोना से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर सकें. ताली, थाली बजवाई और दीपक भी जलवाए ताकि लोग एकजुट हो सकें और कोरोना संकट के खिलाफ जंग लड़ सकें. अब पीएम मोदी हाथी पर सवार होकर कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करने का संदेश देने निकल पड़े हैं. बिहार के समस्तीपुर जिले में ‘पीएम मोदी’ हाथी पर सवार होकर निकले तो हर कोई उन्हें देखता ही रह गया कि आखिर पीएम मोदी अचानक उनके शहर में कैसे आ गए.
एक तरफ लोग टीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट बैठक लेने की जानकारी देख रहे थे, ऐसे समय में बिहार के लोगों का पीएम मोदी को हाथी पर सवार होकर देखना किसी अचंभे से कम नहीं था. इस समय यह दृश्य देखकर कुछ मोदी समर्थकों के मुंह से तो अनायास ही ये शब्द भी निकले गए ‘मोदी है तो मुमकिन है’. हालांकि जब सच्चाई सामने आई तो सबके चेहरे देखने लायक थे.
दरअसल पीएम मोदी की वेशभूषा में हाथी पर सवार होकर बिहार के समस्तीपुर के कर्पूरी कॉलेज के प्रोफेसर भूपेंद्र यादव ने लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरुक किया. वो एक हाथी पर बैठकर पीएम मोदी के पहनावे सहित बोलने की नकल करते हुए लोगों को कोरोना वायरस और उससे बचने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करने सहित आस पास साफ सफाई रखने और मास्क एवं सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने जैसी बातों के प्रति लोगों को लाउड स्पीकर के जरिए जागरुक करते दिखे. प्रो.यादव का ये काफिला जिधर से भी गुजरा, लोग खिड़कियों से भी टकटकी लगाए देखते रह गए.
दरअसल, ये आइडिया पशु प्रेमी महेन्द्र प्रधान का है जिन्होंने पीएम मोदी के एक आह्वान पर लोगों ने जनता कर्फ्यू, थाली बजाना और दीया जलाना एक सकारात्मक सोच के तहत इसे अपनाया. इसके लिए पीएम मोदी के हमशक्ल को खोज कर उसे हाथी पर सवार कर कोरोना के प्रति जागरूकता अभियान चला रहे हैं जिससे लोगों पर इसका असर पड़े और समस्तीपुर के लोग लॉकडाउन का पालन पीएम मोदी का आदेश समझकर करें. प्रो. यादव का भी यही कहना है कि वो इस संकट के समय पीएम मोदी के नेतृत्व से काफी खुश हैं.
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हाथी पर लोगों को कोरोना संकट के प्रति जागरूक करते प्रो.यादव का मोदी अंदाज हुबहु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलता जुलता है. जब वे पगड़ी पहनकर गजराज पर सवार होकर शहर की सड़कों पर निकले, उन्हें देख लोग हैरान रह गए. अंदाज ऐसा कि आवाज सुनकर घर के झरोखे से ही लोगों ने उनका अभिवादन करना शुरू कर दिया. इस अनोखी पहल को समाज के सभी वर्ग के लोगों ने सराहा है. जिस भी रास्ते से प्रोफेसर भूपेंद्र यादव का काफिला निकल रहा था, लोगों में उत्साह देखते ही बन रहा था. कोरोना वायरस के संक्रमण से कैसे बचा जाए. इसके बारे में वो लोगों में जागरूकता फैला रहे थे.
पीएम मोदी का राजसी अंदाज भी लोगों ने शायद पहली बार देखा होगा. गजराज की पीठ पर एक कुर्सी सजाई गई थी और उसके उपर एक छत्र लगा था. हाथी के माथे पर भारत का नक्शा छपा हुआ था और पीछे की तरफ ‘कोरोना वायरस से सुरक्षित रहें’ लिखा था. जैसी ही मोदी जी ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया, सच में प्रधानमंत्री मोदी ही याद आ गए. पुलिसकर्मियों ने भी इस अभियान की तारीफ की.